🗓 Published on: August 29, 2025
⏰ 7:07 PM
✍️ By: Sanjana Jha
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से पूछे तीन बड़े सवाल, वोटर अधिकार यात्रा में उठाई चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर शंका
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने शुक्रवार को बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा के दौरान केंद्र सरकार से तीन बड़े सवाल पूछे। पश्चिम चंपारण से बोलते हुए पायलट ने कहा कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं और जनता का लोकतंत्र से भरोसा टूट रहा है।
उन्होंने एक्स (X) पर एक पोस्ट में लिखा—
“राहुल गांधी जी ने सबूतों के साथ सवाल पूछे, लेकिन चुनाव आयोग जवाब देने से बच रहा है।”उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ समुदायों के वोट दबाए जा रहे हैं और मतदाता सूची में नकली नाम शामिल किए जा रहे हैं।
सचिन पायलट के तीन सवाल:
आखिर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया से क्यों हटाया गया, और उनकी जगह गृह मंत्री को क्यों शामिल किया गया?
CCTV फुटेज को नष्ट करने का फैसला किसने लिया?
जब सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को मतदाता सूची देने का आदेश दिया, तो उसी दिन नियम बदलकर यह क्यों कहा गया कि आयोग बाध्य नहीं है? यह निर्देश किसके कहने पर दिया गया?
सीईसी नियुक्ति पर उठे सवाल
इस साल फरवरी में केंद्र सरकार ने ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की समिति ने लिया।
राहुल गांधी और प्रशांत किशोर समेत कई नेताओं ने CJI को पैनल से बाहर रखने पर कड़ा ऐतराज जताया।
CCTV फुटेज नष्ट करने का आदेश
जून 2025 में चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े CCTV रिकॉर्डिंग, वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज को 45 दिनों बाद नष्ट कर दिया जाए, बशर्ते चुनाव परिणाम कोर्ट में चुनौती न दी गई हो।
आयोग का तर्क था कि इलेक्ट्रॉनिक डेटा के दुरुपयोग से “भ्रामक नैरेटिव” बनने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
मतदाता सूची को लेकर विवाद
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि कानून के अनुसार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट या हटाए गए वोटरों के नाम किसी को देना बाध्यकारी नहीं है।
लेकिन कोर्ट के निर्देश के 56 घंटे के भीतर ही आयोग ने बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख नामों का डेटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।
पटना में कांग्रेस–भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प
सचिन पायलट ने अपने बयान में पटना में कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प की निंदा भी की। उन्होंने कहा—“आज बिहार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हिंसा की गई। विपक्ष को डराना-धमकाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो हुआ है, उसकी कड़ी निंदा की जाती है।”
दरअसल, राहुल गांधी की दरभंगा रैली से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपशब्द कहते सुनाई दिए।
इसके विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटना कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
एएनआई द्वारा साझा विजुअल्स में दिखा कि कार्यकर्ता झंडों से एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे।