लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश की प्रमुख बातें


प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण – सुदर्शन चक्र मिशन से ऑपरेशन सिंदूर तक
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 12वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जो उनके कार्यकाल का एक ऐतिहासिक क्षण है।
इतिहास में सबसे अधिक बार लाल किले से तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम है, जिन्होंने 17 बार यह परंपरा निभाई। इंदिरा गांधी ने 16 बार झंडा फहराया था। इस क्रम में नरेंद्र मोदी तीसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने अब तक सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराया है।
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें
- सुदर्शन चक्र मिशन का ऐलान
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेते हुए हमने सुदर्शन चक्र वाला मार्ग चुना है। देश जल्द ही ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ का शुभारंभ करेगा, जो भारत की रक्षा और रणनीतिक क्षमता को नई दिशा देगा।
- ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल वीर जवानों को सलाम करते हुए कहा:
“22 अप्रैल को पहलगाम में निर्दोष लोगों को मारने के बाद देश आक्रोश में था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमारी सेना ने दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जो दशकों में कभी नहीं हुआ था।”
उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत ने अब ‘न्यू नॉर्मल’ तय किया है।
“आतंक और आतंकियों को ताकत देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे। परमाणु ब्लैकमेलिंग अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।”
समृद्ध भारत के लिए समुद्र मंथन
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब ‘समुद्र मंथन’ की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। देश समुद्र की गहराइयों में तेल और गैस के भंडार खोजने के मिशन पर काम करेगा।
“140 करोड़ देशवासियों का मंत्र होना चाहिए – समृद्ध भारत।”
आत्मनिर्भर और स्वदेशी भारत
पीएम मोदी ने कहा:
“स्वदेशी हमारी मजबूरी नहीं, मजबूती होनी चाहिए। स्वदेशी को हम अपनी ताकत बनाएंगे, और जरूरत पड़ी तो दूसरों को मजबूर करेंगे।”
भारत ने कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाए हैं:
स्पेस मिशन: गगनयान मिशन की तैयारी और भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में काम।
सेमीकंडक्टर: इस वर्ष के अंत तक भारत में बने ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स बाजार में उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के सुरक्षा, तकनीकी, ऊर्जा और आर्थिक आत्मनिर्भरता के नए युग की घोषणा थी।