आलंद वोटर फ्रॉड: बीके सिंह की अगुवाई में SIT गठित

कर्नाटक सरकार ने आलंद वोटर फ्रॉड मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) बनाई। बीके सिंह की अगुवाई में SIT को पुलिस स्तर के सभी अधिकार दिए गए हैं।

विशेष जांच टीम का गठन

कर्नाटक सरकार ने शनिवार को आलंद वोटर फ्रॉड मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। इस टीम का नेतृत्व क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस बीके सिंह करेंगे। टीम में साइबरक्राइम और स्पेशल एनक्वायरी डिवीज़न के वरिष्ठ अधिकारी सईदुलु अदावत और शुभनविता भी शामिल हैं।

मामला और प्रारंभिक घटनाक्रम

यह मामला तब प्रकाश में आया जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023 विधानसभा चुनाव से पहले फर्जी फॉर्म 7 के जरिए लगभग 5,994 मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की कोशिश की गई थी। प्रारंभिक जांच CID द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा आवश्यक तकनीकी डेटा उपलब्ध नहीं कराने के कारण जांच रोक दी गई थी।

SIT को मिले अधिकार

सरकारी आदेश के अनुसार, SIT को पुलिस स्टेशन स्तर के सभी अधिकार दिए गए हैं। राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिए गए हैं कि आलंद मामले में दर्ज FIR और संबंधित सभी दस्तावेज़ और मामले सीधे SIT को सौंपे जाएँ। इसका उद्देश्य है कि जांच निष्पक्ष और तेज़ हो।

बीके सिंह की पिछली उपलब्धियाँ

अतिरिक्त महानिदेशक बीके सिंह पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर चुके हैं। इनमें संपादक-कार्यकर्ता गौरी लांकेश हत्या, M.M. कलबुर्गी हत्या और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ मामलों की जांच शामिल है। बीके सिंह के नेतृत्व में प्रज्वल रेवन्ना को एक साल से भी कम समय में दोषी ठहराया गया था।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने SIT की जांच की घोषणा करते हुए कहा कि इससे आलंद वोटर फ्रॉड मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी। उनका कहना था कि सरकार का उद्देश्य मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकना और जनता का चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा बनाए रखना है।

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