GST 2.0: किचन हुआ हल्का, तंबाकू और कारें महंगी

सरकार ने GST 2.0 के तहत रोज़मर्रा की जरूरी चीजें सस्ती कीं। लक्ज़री गाड़ियां, तंबाकू और कैसीनो सेवाओं पर टैक्स दरें बढ़ीं। उद्देश्य – आम जनता को राहत और हानिकारक उपभोग पर रोक।

22 सितंबर से केंद्र सरकार ने देश में टैक्स ढांचे में बड़े बदलाव करते हुए GST रिफॉर्म्स (GST 2.0) लागू कर दिए हैं। इसका सबसे सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। अब जहां रसोई से लेकर दवाइयों और बच्चों की पढ़ाई तक कई जरूरी चीजें सस्ती हो गई हैं, वहीं लग्जरी आइटम्स और हानिकारक प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाकर उन्हें महंगा कर दिया गया है।

सरकार का मकसद क्या है?

नए टैक्स सिस्टम को इस तरह तैयार किया गया है कि आम आदमी के खर्चों में कमी आए और महंगाई से राहत मिले। वहीं, विलासिता की चीजों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर सरकार राजस्व भी जुटाएगी और इनके उपभोग पर नियंत्रण भी रखेगी।

किन चीजों पर जीरो GST?

कुछ सामान और सेवाओं को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया गया है—

  • खाद्य उत्पाद: दूध, पनीर, ब्रेड, पिज्जा, रेडी टू ईट पराठा।
  • शिक्षा सामग्री: पेंसिल, नोटबुक, चार्ट, प्रैक्टिस बुक, ग्लोब।
  • हेल्थ: 33 जीवनरक्षक दवाइयां (3 कैंसर की दवाएं शामिल), हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी।

5% GST वाले उत्पाद

  • रसोई: खाद्य तेल, घी, चीनी, बिस्कुट, जूस, चॉकलेट।
  • पर्सनल केयर: शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम।
  • घरेलू सामान: किचनवेयर, बच्चों की बोतल, छाते, सिलाई मशीनें, नैपकिन-डायपर, फर्नीचर।
  • कृषि उपकरण: ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर, सिंचाई मशीनें।
  • हेल्थ उपकरण: थर्मामीटर, ऑक्सीजन, चश्मा, ग्लव्स।
  • कपड़े: ₹2,500 तक के रेडीमेड कपड़े, जूट-कपास बैग।

18% GST वाले उत्पाद

  • इलेक्ट्रॉनिक्स: टीवी, वॉशिंग मशीन, एसी, प्रोजेक्टर।
  • वाहन: छोटी कारें, 350cc से कम मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, एम्बुलेंस।
  • सर्विस सेक्टर: ₹7,500 से कम वाले होटल, ₹100 तक के सिनेमा टिकट, ब्यूटी सर्विस।

क्या-क्या हुआ सस्ता?

  • खाद्य तेल, आटा, घी, चीनी, पास्ता-बिस्कुट।
  • बच्चों की नोटबुक और पेंसिल।
  • शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट जैसे दैनिक उपयोग के सामान।
  • दवाइयां और बीमा पॉलिसियां।
  • टीवी, एसी, कार, बाइक और कृषि उपकरण।

क्या-क्या हुआ महंगा?

  • 350cc से ऊपर की बाइक, बड़ी SUV और प्रीमियम कारें (टैक्स 28% से 40%)।
  • कैसीनो, रेस क्लब, जुआ और सट्टेबाजी सेवाएं (28% से 40%)।
  • सिगरेट, तंबाकू, सिगार और एनर्जी ड्रिंक जैसे हानिकारक प्रोडक्ट्स (28% से 40%)।

 अब आम परिवारों को रोजमर्रा के खर्च में राहत मिलेगी, जबकि लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं के शौकीनों को जेब ढीली करनी होगी।

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