Kairos-Virat टैंकर धू-धू कर जले, दोहरे ड्रोन हमले से ब्लैक सी दहला

रात में ‘मेडे-मेडे’ चिल्लाकर क्रू ने मांगी मदद; तुर्किए ने मिसाइल या मानवरहित समुद्री ड्रोन से बाहरी हमले की आशंका जताई

तुर्किए के बोस्फोरस स्ट्रेट के पास शुक्रवार देर रात रूसी शैडो फ्लीट के दो टैंकर Kairos और Virat पर दो बड़े धमाके हुए, जिनके बाद दोनों जहाजों में आग लग गई। यह घटना ब्लैक सी में उस समय हुई जब रूसी टैंकर अपने निर्धारित रूट पर आगे बढ़ रहे थे। तुर्किए ने शुरुआती जांच में स्पष्ट तौर पर कहा है कि यह हमला बाहरी स्रोत से हुआ है, जिसमें मिसाइल, ड्रोन या किसी मानवरहित समुद्री वाहन की भूमिका हो सकती है।

हमले के दौरान टैंकर के क्रू मेंबर ने ओपन-फ्रीक्वेंसी रेडियो पर एक डिस्ट्रेस कॉल भेजी, जिसमें उन्हें चिल्लाते हुए सुना गया—
“यह विराट है… मेडे… मेडे… मदद चाहिए… ड्रोन हमला।”
यह इंटरसेप्टेड कॉल इस बात की पुष्टि करती है कि हमला समुद्री ड्रोन से किया गया था। तुर्किए के परिवहन मंत्रालय ने भी कहा कि 29 नवंबर की सुबह विराट टैंकर पर दूसरी बार हमला किया गया, जबकि पहली घटना 35 समुद्री मील दूर ब्लैक सी तट से रिपोर्ट हुई थी।

न्यूज़ एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यूक्रेन ने दोनों हमलों की जिम्मेदारी ले ली है। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के एक अधिकारी ने बताया कि यह हमला SBU और यूक्रेनी नौसेना का संयुक्त ऑपरेशन था। उनका कहना है कि हमले में दोनों रूसी टैंकरों को गंभीर नुकसान पहुंचा है और इससे रूस के कच्चे तेल की समुद्री सप्लाई व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा।
एक वीडियो में समुद्री ड्रोनों को दोनों जहाजों की ओर बढ़ते और फिर भारी धमाकों के बाद आग लगते देखा जा सकता है।

रूस की शैडो फ्लीट वो बेड़ा है जिसका उपयोग वह पश्चिमी देशों की पाबंदियों से बचते हुए अपने तेल निर्यात को जारी रखने के लिए करता है। इन जहाजों का AIS ट्रांसपोंडर अक्सर बंद रखा जाता है, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला रूस की अर्थव्यवस्था और उसके तेल-ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर सीधा प्रहार है।

तुर्किए ने कहा है कि घटना की तकनीकी व फॉरेंसिक जांच जारी है और ब्लैक सी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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