मदनी के जिहाद वाले बयान से राजनीति भड़की, सभी दलों ने किया हमला

जमीयत प्रमुख के विवादित बयान पर बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू और शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी

जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के जिहाद और तीन तलाक को लेकर दिए गए विवादित बयान ने देशभर में राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। शनिवार (29 नवंबर 2025) को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान मदनी ने कहा— “जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा”, साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भी टिप्पणी की। इस बयान ने कई राजनीतिक दलों को नाराज कर दिया और सभी ने उनकी कड़ी आलोचना की।

बीजेपी: “यह सफेदपोश आतंक”

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मदनी पर समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया। नकवी ने कहा कि ऐसे बयान “सफेदपोश आतंक के सरगनाओं की साजिश” जैसे हैं। उन्होंने कहा कि मदनी का रवैया देश को बांटने वाला है और यह सोच कभी सफल नहीं होगी। नकवी ने आगे कहा कि यह बयानी मानसिकता समाज में विभाजन और संघर्ष पैदा करने वाली है।

कांग्रेस: “इस्लाम पर गलत उपदेश देना बंद करें”

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तीन तलाक का मुद्दा कुरान में नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था। शमा ने आरोप लगाया कि मदनी “अपने अनुयायियों को गलत इस्लाम का पाठ पढ़ा रहे हैं”, जो कि पूरी तरह हराम है।

जेडीयू: “वंदे मातरम पर असहमति कैसे हो सकती है?”

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज और वंदे मातरम पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश सबका है और यहां के लोगों ने मिलकर लोकतंत्र और समाज को खड़ा किया है। उनके अनुसार, “राष्ट्रध्वज के सामने झुकना जिंदा कौम की निशानी है।”

शिवसेना: “मुस्लिम वर्ग को भड़काना बंद करें”

शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा कि मदनी और “समाज के ठेकेदार” हमेशा गलत सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि जिहाद शब्द का दुरुपयोग होने की बात सभी मानते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय को भड़काना ठीक नहीं। शाइना ने कहा कि समाज को गुमराह करना बंद होना चाहिए।

मदनी के बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और राजनीतिक रंग ले सकता है।

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