“SIR में जल्दबाज़ी क्यों? डिंपल यादव ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल”

डिंपल यादव का SIR पर सवाल: “UP और बंगाल में इतनी जल्दबाजी क्यों, 40% लोग अब भी फॉर्म नहीं भर पाए”

दिल्ली: समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे स्पेशल समरी रिवीज़न (SIR) पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया बिना पूरी तैयारी के शुरू की गई है, जिससे आम मतदाताओं और बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) दोनों पर भारी दबाव पड़ रहा है।

संसद परिसर के बाहर मीडिया से बात करते हुए डिंपल यादव ने कहा,
“उत्तर प्रदेश और बंगाल में इतनी जल्दबाजी में SIR क्यों कराया जा रहा है? बिहार में जो SIR हुआ, उसके नतीजों पर असर देखा गया। ऐसे में यह जरूरी है कि SIR का समय बढ़ाया जाए क्योंकि अभी तक सिर्फ 60% लोग ही फॉर्म भर पाए हैं, जबकि 40% लोग अब भी बाकी हैं।”

उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया से पहले पर्याप्त तैयारी नहीं की। उनके अनुसार कई जिलों में BLO पर इतना काम का बोझ डाल दिया गया है कि वे मानसिक दबाव में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों द्वारा आत्महत्या की घटनाएँ सामने आई हैं, और इसका ज़िम्मेदार आखिर कौन है, इस पर गंभीर सवाल उठता है।

डिंपल यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,
“हम चाहते हैं कि SIR बहुत ही व्यवस्थित तरीके से हो। लोकतंत्र को ड्रामा बनाने की ज़रूरत नहीं है। जब तक हर नागरिक को मतदाता सूची में शामिल होने का पूरा और न्यायसंगत अवसर न मिले, तब तक SIR को बढ़ाया जाना चाहिए।”

विपक्षी दलों ने भी SIR की समयसीमा और तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। कई पार्टियों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभी भी कम है और लोग जरूरी दस्तावेज़ों के अभाव में फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं।

चुनाव आयोग ने फिलहाल SIR की अंतिम समयसीमा में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच चर्चाएँ तेज हैं। अगले कुछ दिनों में आयोग की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है।

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