130वां संविधान संशोधन , कपिल मिश्रा बोले– ‘ईमानदारी की नई परिभाषा’


130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बोले कपिल मिश्रा – भ्रष्टाचार की पीठ पर प्रहार
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला है। मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार मिटाने के संकल्प को दर्शाता है।
मिश्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कोई भी भ्रष्टाचारी हो, बख्शा नहीं जाएगा। यह कितना बड़ा और ऐतिहासिक विधेयक है कि अगर भविष्य में प्रधानमंत्री भी 30 दिन के लिए गिरफ्तार होते हैं, तो उन्हें भी पद छोड़ना पड़ेगा। यह वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक प्रहार है।”

उन्होंने इस विधेयक के महत्व को समझाते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता को मजबूती मिलेगी। कपिल मिश्रा ने दिल्ली के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा, “दिल्ली ने इस पीड़ा को झेला है। यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने जेल में रहते हुए सरकार चलाई। यह संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ था। अब इस विधेयक के बाद ऐसी स्थिति फिर कभी नहीं आएगी।”
क्या है 130वां संविधान संशोधन विधेयक?
सूत्रों के मुताबिक, इस संशोधन के तहत कोई भी संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति यदि भ्रष्टाचार या किसी गंभीर अपराध में गिरफ्तार होकर 30 दिन से अधिक जेल में रहता है, तो वह अपना पद खो देगा। इस प्रावधान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सत्ता में बैठे लोग कानून से ऊपर न हों और भ्रष्टाचार पर सख्त रोक लगाई जा सके।
कपिल मिश्रा ने इसे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय दूरगामी है। यह सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि ईमानदारी की नई परिभाषा है। अब कोई भी यह नहीं सोच सकता कि जेल में बैठकर सरकार चलाना संभव होगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
हालांकि विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन बीजेपी का कहना है कि यह संशोधन जनता के विश्वास को बहाल करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह विधेयक भ्रष्टाचार मुक्त भारत की दिशा में एक ठोस पहल साबित हो सकता है।