COAS उपेंद्र द्विवेदी ने फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का सुरक्षा जायज़ा लिया

COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का दौरा कर सुरक्षा तैयारियों का लिया जायज़ा

भारतीय थल सेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लद्दाख में स्थित फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का दौरा किया, जहाँ उन्होंने सीमांत क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति का व्यापक मूल्यांकन किया और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की।
यह कॉर्प्स ऐसी ऊँचाई और कठिन मौसम परिस्थितियों में तैनात है जहाँ दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य तैनाती मानी जाती है।

कॉर्प्स ने दिए ऑपरेशनल तैयारियों के विस्तृत प्रेजेंटेशन

दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी को विभिन्न पहल और कदमों की जानकारी दी गई, जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करना तथा सीमा क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखना है। अधिकारियों ने बताया कि आधुनिक तकनीक, निगरानी सिस्टम, लॉजिस्टिक सपोर्ट और कठोर प्रशिक्षण के माध्यम से सेना की क्षमताओं को निरंतर बढ़ाया जा रहा है।

COAS ने अधिकारियों और जवानों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कठिन इलाकों में काम करने वाली टुकड़ियों की “अटूट निष्ठा, साहस और प्रोफेशनलिज़्म भारतीय सेना की पहचान है।”

जवानों और पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित

अपनी यात्रा के दौरान जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना और लद्दाख पुलिस के उन कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्होंने सीमा सुरक्षा और स्थानीय कानून-व्यवस्था में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों की सेवा भावना, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा देश के लिए प्रेरणा है।

आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर

COAS ने सभी रैंक्स को आधुनिक तकनीक, ड्रोन-सर्विलांस, AI-आधारित सुरक्षा सिस्टम और नई सामरिक रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध तकनीकी तौर पर उन्नत होंगे, इसलिए सेना की हर इकाई को लगातार नवाचार और प्रशिक्षण के माध्यम से खुद को अपडेट रखना होगा।

राष्ट्र निर्माण में सेना की भूमिका पर भी दिया संदेश

जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना केवल सीमा की रक्षा नहीं करती, बल्कि “राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान” देती है—चाहे वह आपदा राहत हो, बुनियादी ढांचे का विकास या नागरिकों की सहायता।

भारतीय सेना ने बताया कि COAS का यह दौरा सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ सीमा सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने के प्रयासों को गति देगा।

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