राहुल गांधी के आरोप, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठा बड़ा सवाल
राहुल गांधी ने चुनाव सुधार की बहस में सरकार, चुनाव आयोग और RSS पर गंभीर आरोप लगाए, वोट चोरी को ‘एंटी-नेशनल’ करार दिया।
लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधारों पर हुई बहस के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला। चर्चा में शामिल होते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश की चुनावी व्यवस्था को सत्ता के दबाव में ढाला जा रहा है और जिम्मेदार संस्थाएं अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभा रहीं।
राहुल गांधी ने शुरुआत में ही कहा कि वह बिना प्रमाण किसी पर आरोप नहीं लगाते, लेकिन इस बार उनके पास ऐसी जानकारियां हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उनका कहना था कि चुनाव आयोग की कार्रवाईयां अपनी निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर रही हैं और कई राज्यों में मतदाता सूची से जुड़ी गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं।
उन्होंने सबसे कड़ा बयान देते हुए कहा कि “वोट चुराना किसी भी राष्ट्र के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है।” उनके अनुसार, भारत का लोकतंत्र एक बुनावट की तरह है जहाँ हर नागरिक समान महत्व रखता है, और वोट से छेड़छाड़ इस बुनियाद को कमजोर करती है।
हरियाणा चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि वहाँ परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की गई। उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने बताया कि कहीं एक नाम दर्जनों बार वोटर लिस्ट में दिखाई दिया, और यह स्थिति लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सीधा असर डालती है।
चुनाव आयोग की नियुक्ति से जुड़े प्रावधानों में बदलाव पर भी उन्होंने कड़ा एतराज़ जताया। उनका कहना है कि नई व्यवस्था में सत्ता पक्ष का दखल इतना बढ़ गया है कि आयोग अपनी स्वतंत्र पहचान खोने लगा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आयोग के चयन से संबंधित समिति से मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
बहस के दौरान राहुल गांधी ने RSS पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं पर नियंत्रण स्थापित करने की एक लंबी रणनीति चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा और प्रशासनिक पदों पर नियुक्तियां क्षमता की बजाय एक विशेष सोच के अनुरूप की जा रही हैं।
अंत में राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा तभी कायम रह सकता है, जब संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम करें और सरकार उनसे दूरी बनाए रखे। उनके अनुसार, यदि इन मुद्दों को नजरअंदाज़ किया गया, तो देश के लोकतंत्र पर गंभीर असर पड़ेगा।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

