बीजेपी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर किया कब्जा , एलडीएफ को बड़ा झटका
तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, 40 साल बाद LDF को बड़ा झटका
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में बीजेपी ने बड़ा राजनीतिक उलटफेर करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव में नगर निगम पर कब्जा जमा लिया है। यह जीत इसलिए ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि बीते चार दशकों से इस निगम पर लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) का वर्चस्व रहा है। लेफ्ट का मजबूत गढ़ माने जाने वाले तिरुवनंतपुरम की हार को एलडीएफ के लिए गंभीर झटका माना जा रहा है।
चुनावी नतीजों के बाद लेफ्ट की ओर से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। CPI(M) ने इस हार के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ को जिम्मेदार ठहराया है।
हार पर CPI(M) सचिव एमवी गोविंदन की प्रतिक्रिया
केरल CPI(M) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि यह परिणाम एलडीएफ के लिए झटका जरूर है, लेकिन पार्टी इसकी गहन समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि एलडीएफ का इतिहास समय-समय पर आत्ममंथन कर आगे बढ़ने का रहा है और इस बार भी जरूरी सुधार किए जाएंगे।
गोविंदन ने आरोप लगाया कि यूडीएफ ने सांप्रदायिक ताकतों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और कई जगहों पर कांग्रेस के वोट बीजेपी को ट्रांसफर हुए। उनका कहना था कि एलडीएफ को हराने के लिए जानबूझकर बीजेपी को समर्थन दिया गया।
पंडालम नगर पालिका LDF के खाते में
हालांकि, एलडीएफ ने पंडालम नगर पालिका में जीत दर्ज की है, जहां सबरीमाला से जुड़े अहम धार्मिक केंद्र आते हैं। यह सीट खास इसलिए मानी जा रही थी क्योंकि चुनाव के दौरान सबरीमाला मंदिर से जुड़ा चोरी का मामला बड़ा मुद्दा बना हुआ था। इस पर CPI(M) नेता ने कहा कि अगर यह मुद्दा निर्णायक होता तो एलडीएफ पंडालम में जीत हासिल नहीं कर पाता।
एंटी-इन्कंबेंसी के सवाल पर CPI(M) का जवाब
एमवी गोविंदन ने कहा कि पिछली बार एलडीएफ ने स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की थी और सरकार ने कई विकास कार्य किए। इसके बावजूद वोट क्यों नहीं मिले, इसकी संगठनात्मक स्तर पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर वास्तव में एलडीएफ के खिलाफ एंटी-इन्कंबेंसी होती, तो पार्टी सात जिला पंचायतों में जीत कैसे दर्ज कर पाती।
CPI(M) ने भरोसा जताया कि पार्टी जमीनी स्तर पर लोगों से दोबारा जुड़ेगी और जल्द ही इस राजनीतिक झटके से उबरकर मजबूती से आगे बढ़ेगी।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

