थाईलैंड से भारत पहुंचे अग्निकांड आरोपी लूथरा ब्रदर्स, दिल्ली में गिरफ्तारी

गोवा अग्निकांड मामले में बड़ी कार्रवाई, थाईलैंड से भारत लाए गए लूथरा ब्रदर्स

गोवा के बहुचर्चित नाइटक्लब अग्निकांड मामले में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। इस मामले के मुख्य आरोपी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को थाईलैंड से भारत लाया गया है। दोनों आरोपी दोपहर करीब 1 बजकर 45 मिनट पर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, जहां पहले से मौजूद गोवा पुलिस की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। दिल्ली पुलिस और गोवा पुलिस की संयुक्त टीम इमिग्रेशन एरिया में तैनात रही। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दोनों आरोपियों की औपचारिक गिरफ्तारी की गई। अधिकारियों ने साफ किया है कि गोवा पुलिस किसी भी स्तर पर थाईलैंड नहीं गई थी और आरोपियों को भारत पहुंचने के बाद ही कस्टडी में लिया गया है।

गौरव और सौरभ लूथरा उस नाइटक्लब के सह-मालिक बताए जा रहे हैं, जहां 6 दिसंबर को आग लगने की भीषण घटना हुई थी। इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना के बाद से ही दोनों आरोपी जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर थे, जिसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे।

दिल्ली पहुंचने के बाद दोनों आरोपियों को पहले मेडिकल जांच के लिए ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां गोवा पुलिस 24 घंटे की ट्रांजिट रिमांड की मांग करेगी। रिमांड मिलने के बाद दोनों को देर रात गोवा ले जाने की तैयारी है।

गोवा पहुंचने पर लूथरा ब्रदर्स को सीधे अंजुना पुलिस स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां उनसे नाइटक्लब में सुरक्षा इंतजामों, नियमों के उल्लंघन और आग लगने के कारणों को लेकर गहन पूछताछ की जाएगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपियों को 17 दिसंबर को मापुसा मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जा सकता है।

इस पूरे मामले को देखते हुए गोवा सरकार ने भी सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने एक विशेष कानूनी टीम का गठन किया है, जिसमें कानून और अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। पुलिस ने मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 लगाई है, जिसमें दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

जांच एजेंसियां अब इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि नाइटक्लब में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किस स्तर पर हुई और इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार था, ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया जा सके।

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