वेनेजुएला के तेल टैंकरों पर ट्रंप की नाकाबंदी, चीन की ऊर्जा सुरक्षा पर संकट

अमेरिकी कार्रवाई से वैश्विक तेल बाजार में हलचल, चीन पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वेनेजुएला के तेल टैंकरों पर पूर्ण नाकाबंदी के आदेश ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में नई चिंता पैदा कर दी है। इस फैसले के तहत वेनेजुएला से जुड़े ऑयल शिप्स की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि वेनेजुएला के तेल टैंकर अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में भी पाए जाते हैं, तो उन पर सैन्य कार्रवाई कर उन्हें जब्त किया जा सकता है। अमेरिका पहले भी इस तरह की कार्रवाई कर चुका है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस टकराव का सबसे बड़ा असर चीन पर पड़ सकता है। चीन वेनेजुएला के कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है और दिसंबर 2025 तक वह प्रतिदिन करीब 6 से 6.5 लाख बैरल तेल आयात कर रहा था। यह चीन के कुल कच्चे तेल आयात का लगभग 4 प्रतिशत है, लेकिन इसकी अहमियत इसलिए ज्यादा है क्योंकि वेनेजुएला का भारी और सस्ता क्रूड चीनी रिफाइनरियों के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है।

अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद चीन अब तक अप्रत्यक्ष रास्तों से वेनेजुएला का तेल खरीदता रहा है। आमतौर पर यह तेल वेनेजुएला से निकलकर मलेशिया के तट के पास पहुंचता है, जहां इसे दूसरे टैंकरों में ट्रांसफर कर मलेशियन ऑयल के रूप में री-लेबल किया जाता है। इसके बाद यह तेल चीन के बंदरगाहों तक पहुंचता है। फिलहाल 20 मिलियन बैरल से ज्यादा वेनेजुएलन तेल समुद्र में फंसा हुआ है, जो प्रतिबंधों की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा।

चीन और वेनेजुएला के संबंध पिछले दो दशकों में काफी गहरे रहे हैं। चीन ने वेनेजुएला को लगभग 60 अरब डॉलर का कर्ज दिया है, जिसकी भरपाई तेल निर्यात के जरिए होनी थी। हालांकि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद चीनी सरकारी कंपनियों ने बड़े निवेश रोक दिए हैं, लेकिन निजी चीनी कंपनियां अब भी वहां सक्रिय हैं।

अगर अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव और बढ़ता है, तो इसका असर केवल इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा। वैश्विक तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे कीमतों में उछाल आने की आशंका है। चीन को ऐसे में रूस या मध्य पूर्व जैसे वैकल्पिक स्रोतों से महंगा तेल खरीदना पड़ सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन फिलहाल सतर्क रुख अपनाएगा और सीधे टकराव से बचेगा, लेकिन यह संकट उसकी ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

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