बिहार में कुशवाहा की पार्टी में टूट की खबरों पर MLA का बयान आया है
रामेश्वर कुमार महतो ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा में किसी भी टूट की बात को सिरे से खारिज किया, पार्टी के प्रति वफादारी जताई।
बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) में विधायकों की कथित टूट की खबरों को पार्टी के विधायक रामेश्वर कुमार महतो ने सिरे से खारिज किया है।

बीबीसी हिंदी से बातचीत में रामेश्वर कुमार महतो ने कहा कि पार्टी में किसी तरह की टूट नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पार्टी में थे, हैं और आगे भी उपेंद्र कुशवाहा के साथ रहेंगे। उन्होंने बताया कि बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन से उनकी मुलाकात व्यक्तिगत संबंधों के कारण हुई थी। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की ओर से दी गई लिट्टी पार्टी में वे इसलिए शामिल नहीं हो पाए क्योंकि उस दिन उनके बच्चों ने क्रिसमस पार्टी रखी थी और वे पटना में मौजूद नहीं थे।

दरअसल, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के चार विधायकों में से तीन विधायकों की एक तस्वीर बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन के साथ सामने आने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। इसके बाद ही पार्टी में असंतोष और टूट की अटकलें लगाई जाने लगीं।
विधायकों की नाराज़गी की चर्चा तब और तेज हो गई जब बाजपट्टी से विधायक रामेश्वर कुमार महतो, दिनारा से विधायक आलोक सिंह और मधुबनी से विधायक माधव आनंद बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा की लिट्टी पार्टी में शामिल नहीं हुए। इन्हीं तीनों विधायकों की नितिन नबीन के साथ तस्वीर सार्वजनिक हुई थी।
इससे पहले रामेश्वर कुमार महतो सोशल मीडिया के जरिए उपेंद्र कुशवाहा के कुछ फैसलों पर अपनी नाराज़गी जता चुके थे। यह नाराज़गी उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री और पत्नी स्नेहलता को मुख्य सचेतक बनाए जाने को लेकर थी।
इस पर रामेश्वर कुमार महतो ने कहा कि वे उपेंद्र कुशवाहा के इन फैसलों से नाराज़ जरूर हैं और अपनी नाराज़गी जाहिर भी करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पार्टी छोड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फैसले पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित को ध्यान में रखकर होने चाहिए।

नई सरकार के गठन के बाद रालोमो के कई नेता परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ चुके हैं। हालांकि, इस पूरे मामले पर उपेंद्र कुशवाहा से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है।

आशुतोष झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे हिंदी माइक में कंसल्टिंग एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं विदेश मामलों की गहरी समझ है तथा ग्राउंड रिपोर्टिंग में भी उनका अनुभव अत्यंत व्यापक है।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

