कल से शुरू होगा बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र, हाईटेक व्यवस्था लागू

1 से 5 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में नए विधायकों की शपथ, अध्यक्ष का चुनाव और डिजिटल व्यवस्था होगी मुख्य आकर्षण

बिहार में नई सरकार के गठन के कुछ ही दिनों बाद अब राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 1 दिसंबर से आरंभ होकर 5 दिसंबर तक चलेगा। नई सरकार के लिए यह पहला बड़ा मौका होगा, जहां सदन में नीतियों, प्रस्तावों और प्राथमिकताओं की झलक दिखेगी। सत्र के पहले ही दिन नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी, जबकि अगले दिन यानी 2 दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। सत्र की अहमियत को देखते हुए राजधानी पटना में सुरक्षा-व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।

इस बार का शीतकालीन सत्र कई कारणों से चर्चा में है। सबसे बड़ा बदलाव विधानसभा में हुए तकनीकी अपग्रेडेशन का है, जिसके तहत सदन को हाईटेक बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक सीट पर डिजिटल टैब लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से विधायक सीधे टैब पर ही प्रश्नोत्तर, प्रस्ताव, विधेयकों के दस्तावेज और अन्य जरूरी सामग्री देख सकेंगे। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि पूरे सदन की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने की दिशा में यह बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

सदन में नए माइक्रोफोन सिस्टम भी लगाए गए हैं, जिससे भाषणों की स्पष्टता बढ़ेगी और किसी प्रकार की तकनीकी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि उन्नत ऑडियो-विजुअल प्रणाली से रिकॉर्डिंग की गुणवत्ता भी बेहतर होगी, जिससे कार्यवाही अधिक पारदर्शी तरीके से संकलित हो सकेगी।

तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि समय की जरूरत को देखते हुए विधानसभा में यह आधुनिकीकरण अनिवार्य था। उन्होंने कहा कि विधायक अब तमाम दस्तावेज टैब के माध्यम से तुरंत प्राप्त कर सकेंगे, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नए विधायकों को डिजिटल व्यवस्था के प्रभावी उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि सभी सदस्य नए सिस्टम का सहजता से इस्तेमाल कर सकें।

बता दें कि हाल में हुए चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 202 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि महागठबंधन को केवल 35 सीटों पर ही सफलता मिल सकी। अब सभी की नजर इस बात पर होगी कि नई सरकार शीतकालीन सत्र में किस तरह की दिशा तय करती है।

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