सरकार हर घंटे ले रही रिपोर्ट, दिल्लीवासियों से अफवाहों से बचने की अपील


दिल्ली में हथिनीकुंड बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की आशंका को लेकर स्थिति पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विस्तृत जानकारी दी और राजधानी के लोगों को आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि बैराज से लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली को किसी बड़े खतरे का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार और संबंधित विभाग पूरी तरह से तैयार हैं और हर जरूरी कदम उठाए गए हैं ताकि पानी का निकास बिना किसी अवरोध के हो सके।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया कि यह तैयारी पिछले छह महीनों में किए गए बेहतरीन डिसिल्टिंग अभियान का नतीजा है। नालों और ड्रेनों में जमा सिल्ट को हटाया गया है, जिससे पानी के बहाव में जो भी रुकावटें थीं, उन्हें दूर किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “आज बैराज के सभी गेट पूरी तरह खुले हैं और कहीं कोई रुकावट नहीं है। जितना पानी पीछे से आएगा, उतना ही पानी आगे निकाल दिया जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यमुना के बाढ़ मैदानों में पानी जरूर पहुंचेगा, क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से नदी का इलाका है। लेकिन बाढ़ मैदानों से बाहर पानी नहीं फैलेगा। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि दिल्ली के बाकी इलाकों में किसी तरह का खतरा नहीं है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि जो लोग बाढ़ मैदानों में बस गए हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने मौजूदा जलस्तर और पिछले साल की स्थिति का भी उल्लेख किया। उनके अनुसार, “इस समय यमुना का जलस्तर 205.6 मीटर है। पिछली बार 2023 में जब बाढ़ आई थी, तब यह स्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। मुझे लगता है कि अगर यह 207 मीटर या उससे थोड़ा ज्यादा भी हो जाए, तो भी दिल्ली के लिए कोई खतरे की स्थिति नहीं बनेगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और हर घंटे रिपोर्ट ली जा रही है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बेफिक्र रहें। प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए सभी इंतजाम पहले से कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह बयान उस समय आया है जब हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को लेकर राजधानी में चिंता का माहौल था। लेकिन उनके आश्वासन के बाद लोगों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि दिल्ली पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए सतर्क है।
यह साफ है कि समय रहते किए गए डिसिल्टिंग कार्य और तैयारी की वजह से दिल्ली इस बार बाढ़ के खतरे से काफी हद तक सुरक्षित है, हालांकि बाढ़ मैदानों में रहने वालों को सतर्क रहना होगा।