यूईआर-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली-NCR का सफर होगा आसान


आज 17 अगस्त रविवार का दिन दिल्ली NCR के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे। ये दोनों प्रोजेक्ट करीब 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए हैं। आने वाले समय में ये दोनों प्रोजेक्ट दिल्ली और हरियाणा की कनेक्टिविटी को नया आयाम देंगे।https://youtube.com/shorts/2hadqVyrISo?si=kzf1BYHNWmFd-3Qs
द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियत
आपको बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे है। करीब 29 किलोमीटर लंबा यह प्रोजेक्ट गुरुग्राम और दिल्ली के बीच आवाजाही को तेज़ और सुगम बनाएगा।
पहला अर्बन एक्सप्रेसवे
भारत में द्वारका एक्सप्रेसवे को पहला शहरी (Urban) एक्सप्रेसवे माना जाता है।
लंबाई और हिस्सेदारी
इसकी कुल लंबाई लगभग 29 किलोमीटर है।
इसका 18.9 किमी हिस्सा गुरुग्राम में और 10.1 किमी हिस्सा दिल्ली में है।
निर्माण संरचना
23 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड बनाया गया है।
करीब 4 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है।
टनल से पालम एयरपोर्ट तक पहुंचने की सुविधा होगी।
यात्रा समय में बड़ी कमी
अब सिंघु बॉर्डर से दिल्ली एयरपोर्ट तक का सफर केवल 40 मिनट में पूरा होगा।
पहले लगता था लगभग 2 घंटे का समय।
अत्याधुनिक तकनीक और मजबूती
सिंगल पिलर तकनीक पर बनाया गया एक्सप्रेसवे का एलिवेटेड हिस्सा।
2 लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल – जो एफिल टॉवर से लगभग 30 गुना ज्यादा है।
20 लाख सीयूएम कंक्रीट का उपयोग – जो बुर्ज खलीफा से 6 गुना अधिक है।
पर्यावरण का ध्यान
प्रोजेक्ट में 12 हजार से ज्यादा पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन किया गया है।
ट्रैफिक पर असर
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से ट्रैफिक का दबाव लगभग 25 प्रतिशत कम हुआ है।
UER-2 : दिल्ली की तीसरी रिंग रोड
लंबाई – संरचना
इसकी कुल लंबाई लगभग 75.7 किलोमीटर है।
यह एक 6-लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है।
इसे तीसरी रिंग रोड के रूप में विकसित किया गया है।
कनेक्टिविटी (जुड़ाव)
यह सड़क कंझावला, मुंडका, द्वारका, बहादुरगढ़, सोनीपत, रोहतक, जींद, बवाना, नरेला जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ती है।
ग्रीन रोड की पहचान
इसे ग्रीन रोड के रूप में विकसित किया गया है।
इसमें गाजीपुर लैंडफिल से निकले 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है।
ई-हाईवे का दर्जा
अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 देश के पहले ई-हाईवे में से एक है।
भविष्य में यहां ई-बसें, ई-ट्रॉली और ई-कारें चलाने की योजना है।
उद्देश्य
बढ़ते ट्रैफिक जाम को कम करना।
बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना।
नेताओं के विचार
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य दिल्ली को जाम और प्रदूषण मुक्त करना है और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी को दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि उनकी नीतियों में हर राज्य और हर नागरिक की बराबर की भागीदारी शामिल है।
निष्कर्ष
द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-2 का उद्घाटन केवल सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ नहीं है, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए एक नई उम्मीद है। इनसे न केवल ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यात्रा का समय भी घटेगा। आने वाले सालों में ये दोनों प्रोजेक्ट दिल्ली NCR को एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।