इंडिगो संकट पर बोले केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू

नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, यह कार्रवाई पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के ऑपरेशनल संकट के बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि एयरलाइन द्वारा उड़ानों में हो रही अव्यवस्था और यात्रियों को हुई परेशानी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि यह केवल तकनीकी गड़बड़ियों का मामला नहीं है, बल्कि जवाबदेही तय करने का भी समय है।

मंत्री ने कहा कि मंत्रालय की हाई लेवल कमेटी इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है। जांच के बाद वित्तीय और दंडात्मक कार्रवाई लागू की जाएगी। नायडू ने कहा कि इंडिगो की ओर से समस्या 3 दिसंबर से शुरू हुई, जबकि नियम पहले से ही लागू थे। उन्होंने एयरलाइन के प्रदर्शन में अचानक आई गिरावट पर भी चिंता व्यक्त की और पूछा कि इतने वर्षों तक उच्च स्तर का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस बनाए रखने के बाद यह अचानक क्यों हुआ।

इंडिगो ने शनिवार को 850 उड़ानें रद्द कीं, जो शुक्रवार की तुलना में कम हैं, जब 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुई थीं। एयरलाइन ने यात्रियों को आश्वस्त किया कि सभी रिफंड मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है और ऑपरेशंस को सामान्य करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। DGCA ने पायलटों के लिए नई फ्लाइट ड्यूटी और आराम अवधि (FDTL) नियमों में ढील दी, ताकि रोस्टर प्लानिंग और क्रू उपलब्धता की चुनौतियों का समाधान किया जा सके।

नागर विमानन मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी रद्द उड़ानों का टिकट रिफंड रविवार रात तक पूरा होना चाहिए। उड़ान रद्द या देरी के कारण अलग हुए यात्रियों का सामान 48 घंटे के भीतर उनके पास पहुंचाया जाएगा। साथ ही, कोई भी री-शेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा और एयरलाइन को विशेष रिफंड एवं सहायता केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर तुरंत कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी और कोई भी ऑपरेटर मंत्रालय को हल्के में नहीं ले सकेगा।

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