“मंदिर विवाद पर गरमाई सियासत – केजरीवाल ने साधा बीजेपी पर निशाना”

कड़कड़गंज मंदिर में सेवादार की हत्या पर केजरीवाल का बीजेपी पर हमला

दिल्ली के कालकाजी मंदिर में ‘चुन्‍नी प्रसाद’ के विवाद को लेकर एक सेवादार की हत्या के बाद आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ा हमला बोला है।

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा –“क्या इन गुंडों के हाथ नहीं कांपे जब उन्होंने मंदिर के अंदर एक सेवादार की बेरहमी से हत्या कर दी? अगर यह कानून-व्यवस्था की नाकामी नहीं है, तो फिर और क्या है? बीजेपी के चार इंजन ने दिल्ली को इस हाल में पहुंचा दिया है कि अब ऐसी घटनाएँ मंदिरों में भी हो रही हैं। क्या दिल्ली में कोई सुरक्षित है या नहीं?”

आप दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, लेकिन पुलिस जनता की सुरक्षा छोड़कर केवल राजनीतिक कामों में उलझी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि “दिल्ली पुलिस ईमानदार और कानून का पालन करने वाले लोगों को ही डराती – धमकाती है। वहीं चोर, गुंडे और अपराधियों को पुलिस से कोई डर नहीं है। उन्हें पूरा भरोसा है कि पैसों के दम पर सब कुछ मैनेज हो जाएगा। यही वजह है कि अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। इस स्थिति पर बातचीत के लिए हम पुलिस आयुक्त से मिलने का समय मांग रहे हैं।”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, कालकाजी मंदिर के सेवादार योगेंद्र सिंह, जो यूपी के हरदोई के रहने वाले थे, बीते 14-15 वर्षों से मंदिर में सेवा कर रहे थे। शनिवार रात करीब 9:30 बजे पुलिस को PCR कॉल मिली। जांच में पता चला कि आरोपी दर्शन के लिए मंदिर आए थे और उन्होंने ‘चुन्‍नी प्रसाद’ की मांग की। इस दौरान कहासुनी हुई और आरोपियों ने लाठियों और डंडों से सिंह पर हमला कर दिया।

गंभीर रूप से घायल योगेंद्र सिंह को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज किया गया है।

एक आरोपी अतुल पांडे, निवासी दक्षिणपुरी को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।

मंदिर के एक अन्य सेवादार ने ANI से बातचीत में बताया कि

“करीब रात 9 बजे एक समूह मंदिर में आया, जिनकी संख्या लगभग 10–15 थी। उनके पास लोहे की रॉड और डंडे थे। उन्होंने मिलकर योगेश पर बेरहमी से हमला कर दिया। विवाद की शुरुआत तब हुई जब वे लोग प्रसाद मांग रहे थे और योगेश ने उनसे कुछ देर रुकने के लिए कहा। इसी बात पर वे भड़क गए और धमकी देने लगे। अक्सर देखा गया है कि जब भी ये लोग मंदिर आते हैं तो आक्रामक व्यवहार करते हैं और हम पर दबाव बनाकर अपनी मांगें मनवाने की कोशिश करते हैं।”

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