लालू यादव के बयान से गरमाई सियासत, NDA ने किया करारा हमला!
बिहार चुनाव से पहले लालू यादव बनाम NDA की तीखी बयानबाजी, नीतीश सरकार के कामकाज पर भी सियासी तकरार तेज
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक दिन पहले ट्वीट करके पीएम मोदी पर निशाना साधा था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लालू यादव ने लिखा था ऐ मोदी जी,
विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में?
ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा!
लालू यादव के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई। NDA ने एक सुर में आरजेडी पर हमलावर होकर लालू यादव और उनके परिवार को निशाने पर लिया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बेगूसराय में मीडिया से कहा “बिहार को अपशब्द बनाने वाले, बिहारियों को पलायन के लिए विवश करने वाले और बिहार को बर्बाद करने वाले अब अंतिम पायदान पर बैठे हैं। उनके द्वारा धृतराष्ट्र की तरह अपने पुत्र मोह में फिर से बिहार में उन्माद पैदा करने, सामाजिक सौहार्द तोड़कर बिहार को बर्बाद करने के खेल को बिहार के लोग नहीं सहेंगे।”
JDU नेता नीरज कुमार ने ANI से कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव के चुनाव परिणाम ने ये साबित कर दिया कि महिलाएं नीतीश कुमार को सबसे ज्यादा मत देती हैं। यह आंकड़े ही इस बात के गवाह हैं। महिला सशक्तिकरण में बिहार एक रोल मॉडल है। नीतीश कुमार केवल फैसला नहीं लेते बल्कि उसे क्रियान्वित भी करते हैं। स्वाभाविक रूप से नीतीश कुमार का काम घर-घर में बोलता है। विरोधी भी इस बात को मानते हैं कि अगर उनके घर में काम हुआ है तो वह नीतीश कुमार के कार्यकाल में ही हुआ है।”
बिहार में महज कुछ दिनों के बाद चुनावी विगुल बजने वाला है। ऐसे वक्त में सत्ता पक्ष का गठबंधन हो या विपक्ष, एक-दूसरे पर निशाना साधने का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाहता।
इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है जहां एक तरफ आरजेडी के नेतृत्व में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन है, तो वहीं बीजेपी-जेडीयू के साथ चिराग, माझी और कुशवाहा का भी गठजोड़ है। प्रशांत किशोर अपनी नई नवेली पार्टी जनसुराज के साथ पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं। एक्सपर्ट की माने तो उनको भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।
हालांकि बिहार की जनता किस दल पर कितना भरोसा दिखाती है, ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन जिस तरीके से बिहार में बयानबाजियां शुरू हो गई हैं, उससे यह तय हो गया है कि आने वाला विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होगा।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

