सरकार लाएगी परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025, प्राइवेट कंपनियों को मिलेगी एंट्री

नया बिल निजी सेक्टर को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति देगा; PM मोदी ने किया ऐलान

केंद्र सरकार परमाणु ऊर्जा सेक्टर में आज तक का सबसे बड़ा बदलाव करने जा रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार “परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025” पेश करने की तैयारी में है। यह बिल निजी कंपनियों को भारत में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने की अनुमति देगा, जो अब तक सिर्फ सरकारी कंपनियों के हाथ में था।

अभी भारत में सभी परमाणु बिजलीघर NPCIL जैसी सार्वजनिक कंपनियों द्वारा ही बनाए, संचालित और नियंत्रित होते हैं। लेकिन नए कानून के लागू होने के बाद भारतीय और विदेशी, दोनों तरह की प्राइवेट कंपनियाँ न्यूक्लियर ऊर्जा के उत्पादन में प्रवेश कर सकेंगी। यह भारत के परमाणु ऊर्जा सेक्टर के लिए संरचनात्मक बदलाव माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हैदराबाद में स्काईरूट्स इनफिनिटी कैंपस का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने का निर्णय ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ तकनीकी नेतृत्व के लिए भी अहम कदम है। मोदी के अनुसार, इससे छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR), एडवांस्ड रिएक्टर और नई इनोवेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा।

दुनिया में परमाणु ऊर्जा उत्पादन की तस्वीर भी दिलचस्प है। अमेरिका दुनिया की कुल न्यूक्लियर ऊर्जा का 30 प्रतिशत उत्पादन अकेले करता है और उसकी 80 प्रतिशत न्यूक्लियर पावर प्राइवेट कंपनियों द्वारा संचालित होती है। इसके विपरीत चीन, जो 16 प्रतिशत वैश्विक उत्पादन करता है, पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में काम करता है और निजी कंपनियों की इसमें कोई भूमिका नहीं है।

फ्रांस, जिसका ग्लोबल शेयर 14 प्रतिशत है, वहां EDF नामक सरकारी कंपनी लगभग पूरा उत्पादन संभालती है। रूस में भी Rosatom पूरी तरह राज्य-नियंत्रित व्यवस्था चलाती है। दक्षिण कोरिया का न्यूक्लियर उत्पादन भी लगभग पूरी तरह सरकारी कंपनी KHNP के पास है।

भारत अब इन मॉडलों से अलग दिशा में कदम बढ़ा रहा है। सरकारी नियंत्रण बरकरार रखते हुए प्राइवेट सेक्टर को शामिल करना, भारत को वैश्विक न्यूक्लियर बाजार में नई स्थिति दे सकता है।

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