पटना हाईकोर्ट का आदेश: उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस-राजद पर साधा निशाना

AI वीडियो हटाने के निर्देश पर राज्यसभा सांसद ने विपक्ष की कार्रवाई को चुनावी अनुशासन के खिलाफ बताया

पटना हाईकोर्ट ने कांग्रेस को निर्देश दिया है कि वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता का वीडियो हटा ले। यह वीडियो AI तकनीक से बनाया गया था। कोर्ट के इस निर्देश के बाद RLM पार्टी प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस और RJD पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “कांग्रेस और विपक्ष ने चुनाव के दौरान शर्म की कोई सीमा नहीं रखी है। इस तरह की शिकायत करना बिल्कुल अनुचित है। कोर्ट का फैसला सही और समयोचित है। इससे यह भी जाहिर होता है कि न्यायपालिका ने मामले को गंभीरता से लिया।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस और RJD यह नहीं समझ रहे कि इस तरह के कदम उठाने से वे खुद ही नुकसान में हैं। यह राजनीति के लिए हानिकारक है और जनता में उनके प्रति विश्वास को कमजोर करती है। ऐसे विवादित कदम विपक्ष की छवि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।”

कुशवाहा ने यह भी कहा कि चुनावी समय में गलत सूचनाओं और वीडियो का प्रचार लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है। लोग अब सोशल मीडिया पर ऐसे प्रयासों को पहचानने लगे हैं और इसका असर मतों पर सीधे पड़ सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की हरकतें चुनावी माहौल को तनावपूर्ण बनाती हैं और जनता में भ्रम पैदा करती हैं।

उनके बयान के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर बड़ी बहस और आलोचना हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि चुनावी समय में राजनीतिक पार्टियों को अपनी जिम्मेदारी और पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है।

यह मामला दिखाता है कि तकनीक और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल राजनीतिक विवादों को और बढ़ा सकता है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। जनता अब सतर्क हो रही है और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को गंभीरता से देख रही है।

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