“संचार साथी ऐप पर प्रियंका गांधी का हमला, लोगों की प्राइवेसी पर सवाल”

प्रियंका गांधी ने संचार साथी ऐप को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।

नई दिल्ली: मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने को लेकर उठे विवाद ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस फैसले को आम लोगों की निजी स्वतंत्रता के लिए खतरा बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यह ऐप एक ऐसा साधन बन सकता है, जिसके जरिए सरकार लोगों की गतिविधियों पर नज़र रख सकेगी।

प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में नागरिकों की निजता सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोगों के निजी संदेश, कॉल या बातचीत पर शक की नजर रखना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उनके अनुसार, आम जनता के फोन में कोई भी ऐसा ऐप जबरन डालना सही नहीं कहा जा सकता, चाहे वह सुरक्षा के नाम पर ही क्यों न हो।

उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार फैसले लिए जा रहे हैं, उससे लगता है कि सरकार संवाद से बच रही है और असहमति की आवाज़ों को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र बहस और सहभागिता से चलता है। लेकिन जब चर्चा से बचा जाए, तो माहौल डर और अविश्वास का बनता है।”

प्रियंका गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि संसद में जारी गतिरोध की असली वजह विपक्ष नहीं, बल्कि सरकार की अनिच्छा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार गंभीर मुद्दों पर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार ही बातचीत के दरवाजे बंद कर रही है। उनके अनुसार, संसद को बहस की जगह होना चाहिए, न कि एकतरफा फैसले सुनाने का मंच।

उन्होंने आगाह किया कि यदि इस तरह के फैसले बार-बार लागू किए जाते रहे, तो ना केवल नागरिकों का भरोसा टूटेगा बल्कि लोकतांत्रिक ढांचे की मजबूती भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि वह लोगों को सुरक्षा दे, लेकिन इसके नाम पर निजी स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।

Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *