भारत दौरे से पहले पुतिन बोले, मोदी किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं झुकते

भारत यात्रा से पहले पुतिन का खुला बयान—कहा, मोदी पर दबाव डालने की कोशिश बेकार

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल दिसंबर में भारत आ रहे हैं और उनका यह दौरा राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक—तीनों स्तरों पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यात्रा से ठीक पहले दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने भारत, अमेरिका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कई अहम बातें कहीं।

पुतिन से इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या अमेरिका द्वारा लगाई गई टैरिफ पॉलिसी भारत को झुकाने का तरीका है। इस पर उन्होंने बिना घुमाए-फिराए जवाब दिया कि भारत अपने फैसले अपने हिसाब से करता है और प्रधानमंत्री मोदी बाहरी दबाव में आने वाले नेताओं में से नहीं हैं। पुतिन ने कहा कि दुनिया कई बार यह देख चुकी है कि भारत अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र रुख रखता है और अपने हितों के आधार पर निर्णय लेता है।

इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान मजबूत की है, वह उसके नेतृत्व की सोच और स्थिरता का परिणाम है। पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में जितने भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनमें से अधिकतर समय पर पूरे होते हैं, और यह दोनों देशों के बीच मौजूद भरोसे की मजबूती को दिखाता है।

पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह मोदी को एक भरोसेमंद मित्र मानते हैं और हर मुलाकात सकारात्मक परिणाम देती है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने अगली औपचारिक बैठक भारत में ही करने पर सहमति जताई है और वे इस यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं।

भारत–रूस संबंधों पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग केवल सैन्य या राजनीतिक मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीक, विज्ञान, ऊर्जा, शिक्षा और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में भी साझेदारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने भारत की विकास यात्रा की भी सराहना की और कहा कि बहुत कम समय में भारत ने वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय प्रगति की है।

जानकारी के अनुसार, पुतिन अब तक 9 बार भारत आ चुके हैं। मोदी के कार्यकाल में उनका भारत दौरा 2016, 2018 और 2021 में हुआ था। दिसंबर में उनकी 10वीं यात्रा होने जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी अब तक 7 बार रूस का दौरा कर चुके हैं, जिससे दोनों के बीच संबंध व्यक्तिगत स्तर पर भी मजबूत हुए हैं।

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