राहुल का आरोप – गुजरात मॉडल वोट चोरी का मॉडल, महाराष्ट्र में मिले सबूत

राहुल गांधी का बड़ा आरोप – महाराष्ट्र में मिले सबूत, भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बिहार में चल रहे वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुजफ्फरपुर में उन्होंने कहा कि 2014 से पहले गुजरात में जो मॉडल शुरू हुआ। वह सिर्फ़ आर्थिक नहीं बल्कि वोट चोरी का मॉडल है। जिसे 2014 के बाद पूरे देश में लागू कर दिया गया।

राहुल गांधी ने कहा, “गुजरात मॉडल आर्थिक मॉडल नहीं है। गुजरात मॉडल वोट चोरी करने का मॉडल है। जिसे ये लोग 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर लाए। हम कुछ कहते नहीं थे। क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं था, लेकिन महाराष्ट्र में हमें सबूत मिल गया।”

राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में हुए हालिया चुनावों में उन्हें इस कथित वोट चोरी के ठोस सबूत मिले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता है।लेकिन कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव में वही गठबंधन गायब हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसे संभव है।

राहुल गांधी ने कहा, “लोकसभा में हमारा गठबंधन जीतता है। लेकिन 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव में हमारा गठबंधन जमीन पर दिखता ही नहीं है। चुनाव आयोग ने लाखों-करोड़ों वोट जोड़े। वो सभी वोट भाजपा के खाते में जाते हैं। उन मतों से भाजपा चुनाव जीतती है।”

इस बयान के जरिए राहुल गांधी ने न सिर्फ भाजपा बल्कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सिस्टम को पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में झुका दिया गया है। राहुल ने यह भी कहा कि विपक्ष लगातार लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है।लेकिन केंद्र सरकार सभी संस्थाओं पर दबाव बनाकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। एनडीए जहां अपनी उपलब्धियों और विकास मॉडल को चुनावी मुद्दा बना रही है। वहीं कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ लगातार चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है।

राहुल के इस आरोप पर भाजपा लगातार पलटवार कर रही है। बीजेपी के नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी चुनाव नहीं जीत रहे हैं। इसलिए वह सभी समय दैनिक संस्थाओं के विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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