राहुल गांधी के आरोपों का जवाब चुनाव आयोग ने सही ढंग से दे दिया है।


चुनाव आयोग ने दी सफाई, कहा- प्रक्रिया पारदर्शी और कानूनसम्मत
आज से बिहार में SIR मुद्दे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा पर निकले। इस यात्रा में रजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं।

दूसरी ओर, आज चुनाव आयोग ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आरोपों पर जवाब दिया। दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कानून के मुताबिक सभी राजनीतिक दल चुनाव आयोग में रजिस्टर होते हैं। ऐसे में आयोग किसी भी दल से भेदभाव नहीं कर सकता। चुनाव आयोग के लिए कोई दल विपक्ष या पक्ष का नहीं, सब समान हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले 20 साल से सभी दल वोटर लिस्ट में सुधार की मांग कर रहे थे। इसलिए इस अभियान की शुरुआत बिहार से हुई। SIR की प्रक्रिया में सभी वोटर, बूथ लेवल अधिकारी और राजनीतिक दल शामिल हैं। 1.6 लाख नामित BLA ने मिलकर इसका मसौदा तैयार किया है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “यह चिंता की बात है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष और उनके नामित BLA के दस्तावेज और गवाही राज्य या राष्ट्रीय नेताओं तक नहीं पहुंच रहे। या फिर सच को नजरअंदाज कर गुमराह करने की कोशिश हो रही है। सभी हितधारक मिलकर काम कर रहे हैं ताकि बिहार का SIR अभियान सफल हो।”
उन्होंने आगे कहा, “कानून के अनुसार अगर समय रहते मतदाता सूचियों में गलती नहीं बताई जाती, अगर मतदाता द्वारा अपने उम्मीदवार के चुनाव के 45 दिन के अंदर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं होती, और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों से जनता को गुमराह किया जाता है, तो यह संविधान का अपमान है।”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “हमने हाल में देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना अनुमति मीडिया में दिखाई गईं। उन पर आरोप लगाए गए। क्या आयोग को भी किसी मतदाता का CCTV वीडियो जारी करना चाहिए? चाहे वह किसी की मां हो, बहू हो या बेटी। जिनका नाम मतदाता सूची में है, वही वोट डालते हैं और उम्मीदवार चुनते हैं।”