रूस-चीन रिश्तों पर पुतिन का जोर, BRICS की भूमिका को बताया अहम


SCO शिखर सम्मेलन से पहले पुतिन और शी जिनपिंग ने साझेदारी को बताया दुनिया के लिए अहम, पश्चिमी प्रतिबंधों की नीतियों पर भी साधा निशाना
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस-चीन संबंधों की अहमियत पर ज़ोर दिया और BRICS समूह को और मजबूत बनाने की अपील की। चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ को दिए साक्षात्कार में पुतिन ने कहा कि मॉस्को और बीजिंग की साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे वैश्विक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है।
पुतिन के अनुसार BRICS अब एक मज़बूत स्तंभ बन चुका है, जो सदस्य देशों को आर्थिक अवसर देने के साथ-साथ वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भी योगदान दे रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों की नीतियों पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि “भेदभावपूर्ण प्रतिबंध” और वित्तीय साधनों का दुरुपयोग विकास की राह में बाधा है। पुतिन ने इसे आधुनिक युग का “नव-औपनिवेशवाद” बताया, जो बहुसंख्यक देशों के हितों के खिलाफ है।
रूसी राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं जैसे IMF और विश्व बैंक में बड़े सुधार की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय ढांचा समानता और सभी देशों की बराबरी पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मई 2024 में हुई रूस यात्रा को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि इसने दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। साथ ही, पुतिन ने पुष्टि की कि वह शी जिनपिंग के आमंत्रण पर जल्द ही चीन का दौरा करेंगे।
उधर, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी रूस-चीन रिश्तों को “सबसे स्थिर और रणनीतिक दृष्टि से अहम” करार दिया। उनका मानना है कि दोनों देश मिलकर न सिर्फ अपने हितों की रक्षा करेंगे बल्कि “ग्लोबल साउथ” को भी एकजुट करेंगे। जिनपिंग के मुताबिक, यह साझेदारी दुनिया में निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वास्तविक सहयोग की दिशा में अहम कदम है।
SCO शिखर सम्मेलन से पहले आए इन बयानों ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में रूस और चीन और अधिक करीबी सहयोग के साथ वैश्विक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।