स्लीप हाइजीन: नींद की सही आदतों से हेल्दी और बैलेंस्ड लाइफ

हर तीसरा शहरी नींद की कमी से जूझ रहा, युवाओं में बढ़ रहा है स्लीप हाइजीन और स्लीप ट्रैकर ऐप्स का ट्रेंड

नींद की कमी और स्लीप हाइजीन का बढ़ता ट्रेंड

आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में नींद की कमी सबसे बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम बन चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में हर तीसरा शहरी व्यक्ति नींद न आने या कम सोने की समस्या से जूझ रहा है। देर रात तक मोबाइल–लैपटॉप चलाना, काम का स्ट्रेस और असंतुलित लाइफस्टाइल इसकी बड़ी वजहें हैं। इसी कारण अब “स्लीप हाइजीन” यानी नींद की आदतों को सही करने का ट्रेंड युवाओं और प्रोफेशनल्स के बीच तेजी से बढ़ रहा है।

क्यों ज़रूरी है स्लीप हाइजीन?

नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए चार्जिंग की तरह है। पूरी और गहरी नींद लेने से दिन भर तरोताज़गी और ऊर्जा बनी रहती है। रिसर्च बताती है कि अच्छी नींद लेने वाले लोग अधिक खुशमिज़ाज और उत्पादक होते हैं। इसके विपरीत, नींद की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन और काम पर फोकस कम हो जाता है। लंबे समय तक नींद पूरी न होने पर मोटापा, ब्लड शुगर की गड़बड़ी और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

क्या है स्लीप हाइजीन?

स्लीप हाइजीन का मतलब है नींद से जुड़ी अच्छी आदतें अपनाना, जैसे:

  • रोज़ाना एक तय समय पर सोना और जागना।
  • सोने से पहले मोबाइल–लैपटॉप से दूरी बनाना।
  • कैफीन और भारी खाना रात को न लेना।
  • बेडरूम को शांत और आरामदायक बनाना।
  • सोने से पहले मेडिटेशन या किताब पढ़ने जैसी रिलैक्सिंग एक्टिविटी करना।

युवाओं में नया ट्रेंड

आजकल युवाओं के बीच “स्लीप ट्रैकर ऐप्स” और “स्मार्टवॉच” का उपयोग बढ़ रहा है, जो नींद के पैटर्न को ट्रैक करके हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने में मदद करते हैं। फिटनेस इन्फ्लुएंसर और सेलिब्रिटीज भी अब नींद को हेल्दी लाइफ का अहम हिस्सा मानकर जागरूकता फैला रहे हैं।

कुल मिलाकर, स्लीप हाइजीन केवल अच्छी नींद पाने का तरीका नहीं बल्कि बैलेंस्ड और एनर्जेटिक लाइफ जीने की कुंजी बन चुका है।

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