तेजस्वी आगे लेकिन बिहार की सियासत में P.K हो सकती है तूफानी एंट्री!


नए सर्वे में खुलासा – एक नेता की बढ़ती लोकप्रियता ने सीएम रेस को बना दिया रोमांचक
बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सी-वोटर का नया सर्वे सामने आया है, जिसमें तेजस्वी यादव अब भी मुख्यमंत्री की दौड़ में पहले स्थान पर हैं। लेकिन प्रशांत किशोर ने तेजी से उभरते हुए दूसरा स्थान हासिल कर लिया है, जिससे मुकाबला रोमांचक हो गया है। सी-वोटर हर महीने जनता की राय जानने के लिए सर्वे करता है, और अगस्त के इस सर्वे ने कई चौंकाने वाले रुझान दिखाए हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
सीएम की रेस में कौन कितना आगे?
सर्वे के अनुसार, 31% लोग तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जो उन्हें पहले पायदान पर रखता है। वहीं, प्रशांत किशोर 22% समर्थन के साथ दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी है और वे 15% के साथ तीसरे स्थान पर हैं। चिराग पासवान और सम्राट चौधरी, दोनों को 10-10% लोगों का समर्थन मिला है।
तेजस्वी की पकड़, पर पीके की रफ्तार
फरवरी में तेजस्वी यादव को 43% लोग सीएम बनाना चाहते थे, लेकिन अब यह समर्थन घटकर 31% रह गया है। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। फरवरी में उनके पास 15% समर्थन था, जून में यह 16% हुआ, और अब अगस्त में 22% तक पहुंच गया है। नीतीश कुमार फरवरी में 18% पर थे, जो अब 15% पर आ गए हैं। चिराग और सम्राट का समर्थन स्थिर रहा है।
सर्वे के नतीजों का क्या है मतलब?
सी-वोटर के यशवंत देशमुख के अनुसार, प्रशांत किशोर इकलौते नेता हैं जिनकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। वे अब छोटे नेताओं को पीछे छोड़कर मजबूत दावेदार बन गए हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता बिहार की सियासत को त्रिकोणीय मुकाबले की ओर ले जा सकती है। देशमुख ने पिछले चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि चिराग पासवान ने जेडीयू को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन उनकी लोकप्रियता सीमित थी। इसके उलट, प्रशांत किशोर की अपील हर वर्ग में बढ़ रही है।

चिराग और प्रशांत में अंतर
देशमुख के मुताबिक, चिराग पासवान का प्रभाव जेडीयू के खिलाफ केंद्रित और सीमित था। लेकिन प्रशांत किशोर की लोकप्रियता पूरे बिहार में फैल रही है, और उनके समर्थक बीजेपी व आरजेडी दोनों के वोटरों में शामिल हैं। इसलिए, यह अनुमान लगाना कठिन है कि वे किस पार्टी को ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे।
निष्कर्ष: यह सर्वे दर्शाता है कि तेजस्वी अभी भी पहले स्थान पर हैं, लेकिन प्रशांत किशोर की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने बिहार की सियासत को और रोचक बना दिया है।