यमुना का जलस्तर बढ़ा: दिल्ली में बाढ़ का खतरा, पुराना रेलवे पुल बंद

यमुना में बढ़ते जलस्तर से दिल्ली में बाढ़ का खतरा, पुराना लोहे का पुल बंद

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने मंगलवार शाम से पुराने रेलवे पुल पर गाड़ियों और लोगों की आवाजाही रोकने का फैसला किया है।

सोमवार शाम 5 बजे यमुना का जलस्तर 204.94 मीटर तक पहुँच गया। जबकि दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.50 मीटर, खतरे का स्तर 205.33 मीटर और लोगों की निकासी शुरू करने का स्तर 206 मीटर तय किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि हथिनकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार सुबह 9 बजे हथिनकुंड से 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वज़ीराबाद बैराज से करीब 38,900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

दिल्ली के मंडलीय आयुक्त नीरज सेमवाल ने बताया कि अगले कुछ दिनों में हथिनकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना है। इस स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलाधिकारियों को राहत शिविर, खाने-पीने की व्यवस्था और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

दिल्ली के छह जिलों के निचले इलाकों में करीब 15,000 लोग रहते हैं, जबकि बाढ़ के मैदान (floodplains) में लगभग 5,000 लोग रहते हैं। इन क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नागरिकों से अपील की है कि घबराएँ नहीं, क्योंकि नदी का बाढ़ मैदान तक पहुँचना उसकी प्राकृतिक प्रक्रिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बाहरी दिल्ली में फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

वहीं, AAP सांसद संजय सिंह ने इस स्थिति को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा – “अगर अरविंद केजरीवाल की सरकार होती तो यह हालात नहीं बनते। लोग मर रहे हैं, सड़कें जलमग्न हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। एक बारिश ने ही बीजेपी सरकार की पोल खोल दी है।”

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