खतरे के निशान से नीचे पहुंचा जलस्तर,बाढ़ प्रभावित इलाकों में मिली राहत
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी घटा – लोग लौटने लगे घर, जनजीवन पटरी पर
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लिए राहत की खबर है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। केंद्रीय जल आयोग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे पहुंच गया है और स्थिति पहले की तुलना में काफ़ी सुधरी है।
बीते हफ्ते यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर गया था। यमुना बाज़ार, मजनूं का टीला, कश्मीरी गेट, लोहे का पुल और आईटीओ के आसपास के निचले हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था और कई दिनों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। लेकिन अब नदी का जलस्तर घटने के साथ ही प्रभावित इलाकों में पानी निकलना शुरू हो गया है।
यमुना नदी में घटते जलस्तर के राहत शिविरों में रह रहे लोगों की संख्या भी अब घट रही है, क्योंकि पानी उतरने के बाद लोग वापस अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। हालांकि, बाढ़ का पानी उतरने के बाद गंदगी और बीमारियों का खतरा बना हुआ है। नगर निगम की टीमें प्रभावित इलाकों में सफाई और फॉगिंग का काम कर रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना में जलस्तर घटने का कारण हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में कमी है। बारिश भी कुछ दिनों से कम हुई है, जिससे नदी का प्रवाह सामान्य होने लगा है।
घटते जलस्तर के कारण फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है, लेकिन सावधानी बरती जा रही है। जल आयोग लगातार नदी के स्तर की निगरानी कर रहा है और संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली है। पिछले कई दिनों से जिन इलाकों में नाव से आवाजाही करनी पड़ रही थी, वहां अब सड़कों पर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है। लोग अपने घरों में सफाई और मरम्मत का काम शुरू कर चुके हैं।

हालांकि प्रशासन ने चेतावनी दी है कि मानसून का मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए आने वाले दिनों में भारी बारिश की स्थिति में जलस्तर दोबारा बढ़ सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
यमुना का जलस्तर घटने से फिलहाल दिल्ली को बड़ी राहत मिली है। लेकिन हाल ही में आई बाढ़ ने एक बार फिर याद दिलाया है कि दिल्ली को स्थायी समाधान और बेहतर बाढ़ प्रबंधन की सख्त ज़रूरत है।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

