ट्रंप का NATO और पुतिन पर विवादित बयान

यूक्रेन राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में दिए स्पष्ट जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर आयोजित द्विपक्षीय बैठक के दौरान रूस और यूक्रेन से जुड़े अहम सवालों पर अपने विचार साझा किए। इस बैठक में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की शामिल हुए। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में ट्रंप ने रूसी विमानों के संबंध में अपनी स्पष्ट राय दी।

एक सवाल यह पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि NATO देशों को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने पर रूसी विमानों को मार गिराना चाहिए। इस पर ट्रंप ने सीधे तौर पर कहा, “हाँ, मुझे लगता है।” उनके इस जवाब से स्पष्ट हुआ कि वह इस मामले में सख्त रुख अपनाने के पक्ष में हैं। ट्रंप के इस बयान ने वैश्विक सुरक्षा और NATO की भूमिका को लेकर बहस को और अधिक ताजा कर दिया है।

इसके अलावा, पत्रकारों ने ट्रंप से यह भी पूछा कि क्या वह अब भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर भरोसा करते हैं। इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया, “मैं आपको लगभग एक महीने में बता दूँगा।” यह जवाब संकेत देता है कि ट्रंप फिलहाल इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करना चाहते, और वह आने वाले समय में अपनी राय साझा करेंगे।

इस बैठक का मकसद अमेरिका और यूक्रेन के बीच सहयोग, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करना था। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बातचीत के दौरान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मामलों और यूक्रेन की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किया। ट्रंप की टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि अमेरिका इस समय रूस-यूक्रेन विवाद में अपनी भूमिका को लेकर सतर्क नजर रख रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उनके रुख से NATO, अमेरिका और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। ट्रंप ने अपने बयान में संतुलन बनाए रखते हुए, स्पष्टता और अस्पष्टता दोनों का मिश्रण रखा, जिससे वैश्विक राजनीति में उनके दृष्टिकोण की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है।

इस प्रकार, ट्रंप का यह बयान न केवल यूक्रेन-रूस विवाद में अमेरिका की संभावित भूमिका को उजागर करता है, बल्कि उनके अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के दृष्टिकोण और NATO के सहयोग संबंधी विचारों को भी सामने लाता है। इस बैठक के दौरान उठाए गए सवाल और दिए गए जवाब वैश्विक मीडिया और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण का विषय बने हुए हैं।

(सोर्स: द व्हाइट हाउस/यूट्यूब)

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