नकद चंदा व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
राजनीतिक दलों को 2000 रुपये तक नकद चंदा लेने की अनुमति पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
राजनीतिक पार्टियों को 2000 रुपये तक का चंदा नकद में लेने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और 12 राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रावधान गलत चंदे और अपारदर्शी राजनीतिक फंडिंग को बढ़ावा देता है।
क्या कहा गया याचिका में?
याचिकाकर्ता खेम सिंह भाटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 13A(d) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है। यह धारा राजनीतिक दलों को यह अनुमति देती है कि वे 2000 रुपये से कम का नकद चंदा लेने पर दानदाता की जानकारी देने से छूट पाएँ।
याचिका में चिंता जताई गई है कि यह प्रावधान बड़े पैमाने पर गलत चंदे को वैध रूप देने का रास्ता खोल सकता है। लाखों–करोड़ों रुपये नकद में मिलने वाले चंदे को भी कई छोटे–छोटे हिस्सों के रूप में दिखाया जा सकता है, जिससे पारदर्शिता समाप्त हो जाती है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोग कौन हैं। दानदाता की पहचान गुप्त रखने का प्रावधान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करता है।
किन राजनीतिक दलों को भेजा गया नोटिस?
याचिका में 12 राजनीतिक पार्टियों को पक्ष बनाया गया है, जिनमें —
बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम, टीएमसी, बीएसपी, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, बीजेडी, आम आदमी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिका की मुख्य मांगें
• धारा 13A(d) को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
• चुनाव आयोग सभी पार्टियों के फॉर्म 24A की जांच करे और जिन चंदों में पता या PAN नंबर नहीं है, उन्हें अवैध घोषित कर राशि पार्टी से वसूल करे।
• समय पर चंदे का ब्योरा न देने वाली पार्टियों पर चुनाव चिन्ह निलंबन या रद्द की कार्रवाई की जाए।
• राजनीतिक दलों के नकद चंदे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए और इसे रजिस्ट्रेशन व चुनाव चिन्ह की शर्त बनाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने वरिष्ठ वकील विजय हंसरिया की दलीलें सुनने के बाद सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया। अदालत ने 4 सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई तय की है।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

