संकट गहराया: 10% कटौती, उड्डयन मंत्री के सामने विनम्र दिखे IndiGo CEO

IndiGo Crisis: CEO को तलब, सरकार ने ऑपरेशंस में 10% कटौती का आदेश

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने मंगलवार को इंडिगो एयरलाइन के सीईओ पीटर एल्बर्स को अपने मुख्यालय बुलाकर कंपनी की मौजूदा ऑपरेशनल अव्यवस्था पर कड़ी चर्चा की। बैठक में उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और मंत्रालय के सचिव समीर सिन्हा भी शामिल रहे।
मीटिंग में इंडिगो की संचालन स्थिति, यात्रियों की देखभाल, रिफंड प्रक्रिया, पायलट-क्रू रोस्टर और बैगेज डिलेवरी जैसी अहम समस्याओं पर बात हुई। इसी के बाद केंद्र सरकार ने इंडिगो को कैंसिलेशन कम करने के लिए अपने ऑपरेशंस में 10% कटौती करने का निर्देश दिया।

इंडिगो का दावा: हालात अब सामान्य

बैठक से पहले कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि पिछले एक हफ्ते से जारी संकट अब लगभग खत्म हो गया है और उड़ानें सामान्य तरीके से चल रही हैं।
एयरलाइन ने बताया कि उसका ऑन-टाइम परफॉर्मेंस फिर से सामान्य स्तर पर पहुंच गया है और बुधवार को लगभग 1900 फ्लाइट्स ऑपरेट करेगी।

1800+ फ्लाइट्स चलाने का दावा, बैगेज भी पहुंच रहा

कंपनी ने कहा कि नेटवर्क में सुधार के बाद सभी शेड्यूल्ड उड़ानें संचालित हो रही हैं।
एयरपोर्ट पर रुका सामान भी लगभग पूरी तरह यात्रियों तक पहुंच चुका है और बचा हुआ बैगेज जल्द डिलीवर कर दिया जाएगा।
फिलहाल इंडिगो 138 शहरों में 1800 से अधिक उड़ानें चला रही है। साथ ही कैंसिलेशन वाले यात्रियों के लिए फुल रिफंड प्रक्रिया वेबसाइट पर ऑटोमेटेड कर दी गई है।

CEO पीटर एल्बर्स का मैसेज

एल्बर्स ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि एयरलाइन अब पूरी तरह स्थिर है।
उन्होंने बताया कि संकट की शुरुआत 5 दिसंबर को हुई थी, जब कंपनी केवल 700 उड़ानें ही संचालित कर सकी।
उन्होंने यात्रियों से असुविधा पर खेद भी जताया।

लोकसभा में उड्डयन मंत्री का बयान

लोकसभा में उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कहा कि इंडिगो को नए FDTL नियमों (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) में कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा—
“किसी भी एयरलाइन को यात्रियों को इस तरह परेशानी देने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि घरेलू मार्केट में नई एयरलाइनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, क्योंकि इंडिगो का मार्केट शेयर फिलहाल लगभग 65% है।

किस वजह से बढ़ा संकट?

DGCA ने कुछ समय के लिए इंडिगो को FDTL नियमों में राहत दी थी, जिस पर आलोचना हुई।
कंपनी ने मंत्रालय को बताया कि ऑपरेशनल गड़बड़ियां तकनीकी दिक्कतों, विंटर शेड्यूल अपडेट, खराब मौसम और नए FDTL नियमों की वजह से बढ़ीं।

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