पीएम मोदी की जॉर्डन यात्रा ने भारत-जॉर्डन साझेदारी को मजबूत किया

पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस अल-हुसैन का एयरपोर्ट पर स्वागत होने पर धन्यवाद किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा भारत के लिए कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री ने स्वयं इसे “अत्यंत उपयोगी और परिणामकारी” बताया है। पीएम मोदी ने जॉर्डन के राजा किंग अब्दुल्ला द्वितीय और वहां की जनता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि जॉर्डन ने भारत के साथ मित्रता और सहयोग की मिसाल पेश की है।

इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और किंग अब्दुल्ला द्वितीय के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें भारत-जॉर्डन संबंधों को और मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल परिवर्तन, सांस्कृतिक सहयोग और विरासत संरक्षण जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। इन विषयों को दोनों देशों के भविष्य के लिए बेहद जरूरी माना गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा जैसे मुद्दे आज पूरी दुनिया के लिए चुनौती बने हुए हैं और भारत तथा जॉर्डन मिलकर इन समस्याओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने को तैयार हैं। डिजिटल तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को नई गति देने की योजना बनाई गई है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान हुए समझौते और आपसी सहमति भारत और जॉर्डन के नागरिकों के लिए विकास और समृद्धि के नए अवसर पैदा करेंगे। सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विरासत संरक्षण को लेकर भी दोनों देशों ने अपने पुराने संबंधों को और गहराने का संकल्प लिया है।

यात्रा के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन के क्राउन प्रिंस अल-हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय का विशेष रूप से धन्यवाद किया, जो उनके प्रस्थान के समय एयरपोर्ट पर मौजूद रहे। इसे दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों और आपसी सम्मान का प्रतीक माना जा रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह यात्रा पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका को और सशक्त करेगी और आने वाले समय में भारत-जॉर्डन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

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