CRPF ने 1 करोड़ का इनामी नक्सली बालकृष्ण को किया ढेर
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में माओवादी विरोधी अभियान में 10 माओवादी ढेर, केंद्रीय समिति के सदस्य भी शामिल
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में गुरुवार दोपहर को सुरक्षा बलों ने माओवादी आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी और सफल कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में कुल 10 माओवादी मारे गए हैं। इनमें माओवादी संगठन के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण भी शामिल हैं। सभी सुरक्षाबल के जवान सुरक्षित हैं और वे यह जांच कर रहे हैं कि कहीं और माओवादी घायल या मरे तो नहीं हैं।
यह एनकाउंटर मटाल क्षेत्र के घने जंगलों में हुआ। पुलिस को विशेष सूचना मिली थी कि बालकृष्ण और अन्य माओवादी हथियारबंद होकर इसी इलाके में छुपे हुए हैं। इसी सूचना के आधार पर गरियाबंद जिले की विशेष नक्सल विरोधी इकाई ‘एलीट 30’, स्पेशल टास्क फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कोबरा यूनिट ने मिलकर यह अभियान चलाया।

इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अमरेश मिश्रा ने बताया कि माओवादी आतंकियों ने पहले सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। यह गोलीबारी दोपहर से शाम तक लगातार चली। इसके बाद सर्च ऑपरेशन में माओवादी के शव बरामद किए गए। इनके पास से स्वचालित हथियार भी मिले हैं। सभी माओवादी की पहचान की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत कठिन रहा क्योंकि यह जगह घने जंगलों और पहाड़ी इलाके में थी। साथ ही भारी बारिश होने की वजह से जगह और भी मुश्किल हो गई थी। बेल-बूटियां और नाले सुरक्षाबलों के लिए बड़ी बाधा बन गए थे। फिर भी, पूरी तैयारी के साथ यह साहसिक कार्रवाई की गई।

मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति के सदस्य थे। यह माओवादी संगठन का दूसरा सबसे ऊँचा पद होता है, केवल पोलितब्यूरो के बाद। बालकृष्ण आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और उन्होंने कई साल पहले नक्सल आंदोलन से जुड़कर इसमें सक्रिय भूमिका निभाई थी। सुरक्षाबलों का मानना है कि यह बड़ी कामयाबी से नक्सल समस्या से निपटने में मदद मिलेगी और इलाके में शांति बनी रहेगी।

Author
संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

