गाजा में शांति समझौता: पीएम मोदी ने ट्रंप की कोशिशों को सराहा

दो साल से चले संघर्ष के बाद बंधकों की रिहाई और शांति की ओर बड़ा कदम

तेल अवीव/वॉशिंगटन: गाजा में दो साल से चल रहे विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने के लिए हुए युद्ध विराम समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रयासों को सराहा गया है। ट्रंप ने इसे ‘नए मिडिल ईस्ट की ऐतिहासिक सुबह’ बताया।

ट्रंप इज़रायल की संसद नेसेट में पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की। मोदी ने कहा, “दो साल से बंधक बनाए रखने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत है। उनकी आज़ादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। हम इलाके में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप की ईमानदार कोशिशों का समर्थन करते हैं।”

इस सीजफायर समझौते के तहत, हमास ने बचे हुए 20 इज़रायली बंधकों को रिहा किया, जबकि इज़रायल ने दर्जनों फ़िलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा किया। इज़रायली सेना ने पुष्टि की कि रेड क्रॉस की मदद से सभी बंधकों को गाजा से सुरक्षित स्थानांतरित किया गया और उन्हें तेल अवीव के ‘होस्टेज स्क्वायर’ में वापस लाया गया।

इस मौके पर ट्रंप ने कहा, “बंधक वापस आ गए हैं। यह कहते हुए बहुत अच्छा लग रहा है। आने वाली पीढ़ियों को यह उस पल के रूप में याद रहेगा, जब सब कुछ बदलना शुरू हुआ, और बहुत बेहतरी के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि यह रिहाई लंबे समय से संघर्षग्रस्त इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

विश्लेषकों का कहना है कि यह समझौता केवल बंधकों की रिहाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र में स्थायी शांति और संघर्ष समाप्ति की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। तेल अवीव में बंधकों के लौटने के बाद जश्न का माहौल था और इसे मध्यपूर्वी राजनीति में एक नया अवसर कहा जा रहा है।

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