तेल अवीव: गाजा बंधकों का भव्य स्वागत, ट्रंप को ‘थैंक्यू’

तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में बंधकों का भावुक स्वागत, युद्धविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका को सराहा गया।

इज़राइल के तेल अवीव शहर में सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई, जब गाजा में दो साल कैद रहने के बाद 20 इज़रायली बंधकों की रिहाई की गई। होस्टेज स्क्वायर में झंडों और फूलों के बीच लोग वेलकम होम के नारों के साथ जमा हुए। सोशल मीडिया पर भी नागरिकों ने इस खुशी को साझा किया, और यह दृश्य ऐसा था जैसे पूरा शहर अपने बंधकों का स्वागत कर रहा हो।

हमास ने पहले 7 बंधकों को रिहा किया और शेष 20 की रिहाई की तैयारी शुरू कर दी है। यह कदम गाजा में पहले चरण के युद्धविराम समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत इजरायल 1,900 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। अभी तक रिहा किए गए बंधकों की पहचान और स्वास्थ्य स्थिति की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से यह युद्धविराम संभव हुआ। 9 अक्टूबर को ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की थी कि इजरायल और हमास ने कैदियों की रिहाई और युद्धविराम पर सहमति बनाई है। मिस्र के शहर शर्म अल-शेख में हुई लंबी वार्ता में इजरायल, हमास, मिस्र और अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल हुए। समझौते में बंधकों की सुरक्षित रिहाई और गाजा में ह्यूमन कोरिडोर के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया।

इस युद्धविराम की पृष्ठभूमि 7 अक्टूबर 2023 की घटना है, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में 1,219 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे, और 251 लोगों को बंधक बनाया गया। इसके बाद इजरायल ने गाजा में सैन्य अभियान चलाया, जिससे हजारों फिलिस्तीनी मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए।

बंधकों की रिहाई के बाद तेल अवीव, यरूशलम और हाइफ़ा जैसे शहरों में लोग मोमबत्तियां जला कर खुशियाँ मना रहे हैं। परिवारों ने अपने प्रियजनों की तस्वीरें लेकर उन्हें गले लगाया। इज़राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस समझौते को मानवीय जिम्मेदारी और कूटनीतिक सफलता दोनों बताया और सहयोग देने वाले देशों का आभार व्यक्त किया।

पहले चरण के इस समझौते के तहत, हमास क्रमवार 20 बंधकों को रिहा करेगा और इजरायल 1,900 फ़िलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। दोनों पक्ष 72 घंटे तक युद्धविराम बनाए रखेंगे और संयुक्त राष्ट्र तथा मिस्र की मदद से गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जाएगी।

यह समझौता इजरायल और गाजा दोनों पक्षों के लिए राहत और शांति की उम्मीद लेकर आया है और क्षेत्रीय तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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