पीएम मोदी की रैलियों से क्या बदलेगा बिहार का खेल?
“विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे भाषण”
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य दौरे ने चुनावी माहौल और गर्म कर दिया है। पीएम मोदी अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से लेकर नवंबर की शुरुआत तक पूरे बिहार में कई रैलियों को संबोधित करेंगे, जो न सिर्फ कार्यकर्ताओं को उत्साहित करेंगी बल्कि मतदाताओं के मनोबल पर भी असर डालेंगी।
प्रधानमंत्री की पहली रैली 23 अक्टूबर को सासाराम, गया और भागलपुर में होगी। ये इलाके एनडीए के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मोदी की मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह बढ़ेगा, वहीं जनता में भी नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।
इसके बाद 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर और पटना में रैलियां होंगी। मिथिलांचल के ये क्षेत्र और राजधानी पटना राजनीतिक दृष्टि से निर्णायक हैं। पीएम मोदी अपने भाषण में विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जोर देंगे, जो मतदाताओं के सीधे हित से जुड़े हैं।
1 नवंबर को पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर और छपरा में रैलियां आयोजित होंगी। इन इलाकों में सामाजिक समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। अंत में 3 नवंबर को पश्चिमी चम्पारण, अररिया और सहरसा में रैलियों का समापन होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी की रैलियां केवल राजनीतिक सभा नहीं, बल्कि जनता से संवाद का मंच हैं। ये रैलियां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं को सीधे प्रभावित करेंगी। एनडीए को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता इस बार चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में मोड़ देगी और सत्ता की स्थिरता सुनिश्चित करेगी।
इस प्रकार, बिहार में पीएम मोदी की रैलियां न केवल राजनीतिक उत्साह बढ़ाने का काम करेंगी, बल्कि पूरे चुनावी परिदृश्य को भी बदलने की क्षमता रखती हैं।

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संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

