स्वतंत्रता दिवस: बलिदान की विरासत और नए भारत का संकल्प
वीर सपूतों के बलिदान से लेकर आज के भारत तक का सफर
स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए केवल एक कैलेंडर की तारीख नहीं है, बल्कि यह उन अनगिनत बलिदानों और संघर्षों से अर्जित स्वाधीनता की अमूल्य धरोहर का प्रतीक है। जिसे हम हर दिन, हर पल महसूस करते हैं। 15 अगस्त का दिन हमारे वीर सपूतों और वीरांगनाओं को नमन करने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों तथा निष्ठा को पुनः स्मरण करने का अवसर है।

हमारे अनेक वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर हमें आज़ाद कराया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी 1947 से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, हमारे देश के सपूतों ने इस आज़ादी की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। उनके इस अद्वितीय योगदान को याद करना हर भारतीय का परम कर्तव्य है।
आजादी के बाद से भारत ने विज्ञान, तकनीक, शिक्षा, खेल, कला, संस्कृति और उद्योग जैसे अनेकों क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज का भारत न केवल एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, बल्कि विश्व पटल पर नई ऊर्जा, नए विश्वास और नए संकल्प के साथ अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। यह नया भारत आत्मनिर्भर है, नवाचार से परिपूर्ण है और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
इसी नए भारत से प्रेरणा लेते हुए हिंदी माइक भी एक नई शुरुआत कर रहा है—नई टीम, नई सोच, नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ। हमारा उद्देश्य न केवल आपके लिए बेहतर कंटेंट प्रस्तुत करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मकता फैलाने का भी है। हमें पूर्ण विश्वास है कि इस नई यात्रा में आपका प्रेम, आशीर्वाद और सहयोग हमें पहले की तरह मिलता रहेगा।
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आइए, मिलकर अपने देश को और ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प लें।

Author
संजना झा पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव रखती हैं। वर्तमान में वह हिंदी माइक में बतौर असिस्टेंट एडिटर कार्यरत हैं। उन्हें समसामयिक घटनाएँ, राजनीति एवं लाइफस्टाइल जैसे विषयों में गहरी समझ और लेखन का व्यापक अनुभव प्राप्त है। अपनी खोजपरक दृष्टि, तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विषयों की गहराई तक पहुंचने की शैली के लिए वह जानी जाती हैं।
ज्वाइनिंग डेट: 16 अगस्त 2025

