208 नक्सलियों ने हथियार छोड़ संविधान थामा

छत्तीसगढ़ बस्तर: 208 नक्सलियों का ऐतिहासिक आत्मसमर्पण, 153 हथियार हुए बरामद

छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज इतिहास रचा गया, जब 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और अपने हथियार सरकार के हवाले किए। यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर है। राज्य सरकार की ‘नक्सल उन्मूलन नीति’ के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में टॉप नेता भी शामिल थे। इस मौके पर पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने बताया ऐतिहासिक दिन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में नक्सली बंदूक छोड़कर संविधान थाम रहे हैं। सरकार उन्हें कौशल विकास, शिक्षा और पुनर्वास के अवसर उपलब्ध कराएगी ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

सरेंडर कार्यक्रम और हथियारों की संख्या
बस्तर संभाग के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। उनके पास से कुल 153 हथियार बरामद हुए, जिनमें शामिल हैं:

  • AK-47 – 19
  • SLR – 17
  • INSAS – 23
  • INSAS LMG – 1
  • .303 – 36
  • कार्बाइन – 4
  • BGL लॉन्चर – 11
  • 12 बोर/सिंगल शॉट – 41
  • पिस्टल – 1

नक्सली काडर प्रोफाइल

  • सीसीएम – 1
  • डीकेएसजेडसी – 4
  • रीजनल कमेटी सदस्य – 1
  • डीवीसीएम – 21
  • एसीएम – 61
  • पार्टी सदस्य – 98
  • पीएलजीए/आरपीसी/अन्य – 22
    आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिला और 98 पुरुष शामिल हैं।

हथियार छोड़ संविधान की शपथ
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अबूझमाड़ इलाके से जगदलपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भारत का संविधान हाथ में लेकर हिंसा छोड़ने की शपथ ली। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें कौशल प्रशिक्षण, शिक्षा और रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि अबूझमाड़ मुक्त हो गया है और उत्तर बस्तर से लाल आतंक का सफाया हो चुका है।

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