बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी को झटका!

बिहार चुनाव 2025 से पहले RJD को बड़ा झटका, दो विधायकों ने दिया इस्तीफा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ऐलान के तुरंत बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दोहरा झटका लगा है। नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली से विधायक प्रकाश वीर ने न सिर्फ पार्टी से नाता तोड़ लिया, बल्कि विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने रविवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया, जिससे पार्टी की सीटों पर संकट गहराने लगा है। यह घटनाक्रम महागठबंधन की एकजुटता पर भी सवाल खड़े कर रहा है, जबकि NDA अपनी रणनीति को और मजबूत करने में जुट गया है।

विभा देवी का इस्तीफा और BJP से बढ़ती नजदीकियां
विभा देवी, पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक रहे राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में RJD के टिकट पर नवादा सीट से जीत दर्ज की थी। पति की अनुपस्थिति में उन्होंने पिछले पांच सालों तक सक्रिय रूप से क्षेत्र की राजनीति संभाली।
हालांकि पिछले कुछ महीनों से वे भाजपा के नजदीक देखी जा रही थीं। अगस्त 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली में उनकी मंच पर मौजूदगी ने RJD खेमे में हलचल मचा दी थी। सूत्रों के मुताबिक, टिकट कटने की आशंका और परिवार की NDA से बढ़ती करीबी ने उन्हें इस्तीफा देने का निर्णय लेने पर मजबूर किया। अब उनके BJP में शामिल होकर नवादा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।

प्रकाश वीर भी छोड़ गए पार्टी, BJP से जुड़ने की अटकलें तेज
रजौली (SC) विधानसभा सीट से RJD विधायक रहे प्रकाश वीर ने भी पार्टी छोड़ दी है। दलित समुदाय से आने वाले प्रकाश वीर ने पिछले पांच वर्षों में क्षेत्र में सड़क, सिंचाई और रोजगार जैसे मुद्दों पर काम किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ता चला गया।
अगस्त 2025 में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में RJD कार्यकर्ता तेजस्वी यादव से उनका टिकट काटने की मांग करते नजर आए थे। “ओ तेजस्वी भैया… प्रकाश वीर को हटाना होगा” जैसे नारे काफी चर्चा में रहे। इसके बाद से ही उनके भाजपा से नजदीकी बढ़ने की बातें सामने आने लगीं। पीएम मोदी की सभा में उनकी उपस्थिति ने इन अटकलों को और बल दिया। अब माना जा रहा है कि वे रजौली सीट से BJP उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर सकते हैं।

RJD में मचा हड़कंप, महागठबंधन में बढ़ी चिंता
दो विधायकों के एक साथ इस्तीफा देने से RJD के अंदर हलचल मच गई है। पार्टी के रणनीतिकारों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई है, खासकर तब जब महागठबंधन में पहले से सीट बंटवारे को लेकर मतभेद चल रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह घटनाक्रम टिकट वितरण की दौड़ और NDA की रणनीतिक चाल का नतीजा है। लालू प्रसाद यादव की खराब तबीयत और तेजस्वी यादव की व्यस्तता के बीच RJD को अब अपनी साख और संगठन दोनों को संभालने की चुनौती है।

अब सवाल यह है – क्या RJD इस झटके से उबर पाएगा या NDA का पलड़ा और भारी होगा?

Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *