चिराग की पार्टी इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव!

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जारी है खींचतान, वहीं चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को मिली मनचाही सीटें

बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन अभी भी राज्य की प्रमुख राजनीतिक गठबंधन एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर पूरी सहमति नहीं बन पाई है। चुनाव नजदीक आने के बावजूद एनडीए अपने घटक दलों को मनाने और सीटों के फार्मूले पर अंतिम फैसला करने में जुटा हुआ है।

बीजेपी की ओर से बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कल सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि “एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला सुलझ गया है और भाजपा-जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।” हालांकि, इसके कुछ ही घंटों बाद यह खबर सामने आई कि एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर फिर मतभेद उभर आए हैं। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि बिहार की राजनीति में समीकरण अभी भी पूरी तरह से तय नहीं हो पाए हैं।

इसी बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इस दौर में सबसे ज्यादा लाभ की स्थिति में नजर आ रहे हैं। एनडीए के सीट शेयरिंग फार्मूले को देखें तो सबसे मजबूत स्थिति फिलहाल चिराग पासवान की ही मानी जा रही है। उन्हें न केवल मनचाही सीटें मिली हैं, बल्कि वे उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, जिन पर उनकी पार्टी का लंबे समय से फोकस रहा है। इससे यह साफ झलकता है कि चिराग पासवान अपने राजनीतिक प्रभाव को और अधिक मजबूत करने में सफल रहे हैं।

हालांकि, एनडीए के अन्य सहयोगी दलों — जितन राम मांझी की हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी — के बीच असंतोष की स्थिति बनी हुई है। उनके कुछ नेताओं के सोशल मीडिया पोस्टों और बयानों से नाराजगी की झलक साफ देखी जा सकती है। बावजूद इसके, एनडीए नेतृत्व की ओर से किसी भी मतभेद को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोजपा (रामविलास) को जो सीटें मिल रही हैं, उनमें शामिल हैं — सिमरी बख्तियारपुर, मखदूमपुर, कसबा, सुगौली, मोरवा, राजापाकड़, हायघाट, एकमा, मढ़ौरा, अगिआंव, ओबरा, बोधगया, हिसुआ, फतुहा, राजगीर, कदवा, सोनबरसा, बलरामपुर, गोविंदपुर, लालगंज, गायघाट, दानापुर, ब्रह्मपुर, अरवल, रोसड़ा, बखरी, और साहेबपुर कमाल।

हालांकि इस सूची की अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान की पार्टी इन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एनडीए में यह सीट बंटवारा चिराग के लिए राजनीतिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है और उन्हें गठबंधन के भीतर एक मजबूत स्थिति प्रदान कर सकता है।

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