आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग पर बोले बी.के. हरिप्रसाद

कांग्रेस नेता बोले — “75 साल बाद भी आरएसएस ने गोडसे को हत्यारा नहीं कहा, खड़गे की बात पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना”

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की वकालत किए जाने के बाद, कांग्रेस नेता बी.के. हरिप्रसाद ने उनके समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस पर सवाल उठाना या उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कोई नई बात नहीं है, क्योंकि देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर बैन लगाया था।

बी.के. हरिप्रसाद ने कहा, “जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। आज भी कई घटनाएं यह संकेत देती हैं कि व्यवस्था में कुछ न कुछ गलत है।” उन्होंने हाल ही में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर हुए कथित हमले की ओर इशारा करते हुए कहा, “इस घटना के बाद स्वाभाविक रूप से हर कोई सोचने पर मजबूर है कि सिस्टम में कहीं न कहीं गंभीर खामी है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि “आज 75 साल बीत जाने के बाद भी आरएसएस ने कभी नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकी और गांधीजी का हत्यारा नहीं माना। यह दिखाता है कि संघ का छिपा हुआ एजेंडा क्या है, जिसे कोई ठीक से नहीं जानता।”

हरिप्रसाद ने आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जो बात कह रहे हैं, वह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सामूहिक भावना को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही स्तर पर यह भावना गहरी है कि आरएसएस के विचार और गतिविधियाँ देश की धर्मनिरपेक्ष संरचना के अनुकूल नहीं हैं।

उन्होंने अंत में कहा कि कांग्रेस हमेशा गांधीजी और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए खड़ी रही है, और जब भी कोई संगठन इन मूल्यों के खिलाफ जाता है, उस पर सवाल उठाना जरूरी हो जाता है।

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