खड़गे की भाषा पीएफआई जैसी – संबित पात्रा
भाजपा सांसद ने कहा — गांधी और अंबेडकर ने भी आरएसएस की प्रशंसा की थी।
नई दिल्ली: भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आरएसएस पर झूठे आरोप लगाना कांग्रेस की पुरानी आदत बन चुकी है, जबकि इतिहास खुद इस संगठन की देशभक्ति और समाजसेवा का साक्षी है।
संबित पात्रा ने कहा, “महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व, जो अस्पष्टता और असमानता के खिलाफ लड़ रहे थे, उन्होंने भी आरएसएस की सराहना की थी। उन्होंने संघ को समाज में समानता का मंच बताया था।” उन्होंने कहा कि 1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में आरएसएस को आमंत्रित किया था और संघ ने उस समारोह में हिस्सा भी लिया था।
उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे, लेकिन कपूर आयोग की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि गांधीजी की हत्या में संघ की कोई भूमिका नहीं थी। पात्रा ने कहा, “कपूर आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए उन लोगों को जो आज भी झूठ फैला रहे हैं। आयोग ने साफ कहा कि संघ निर्दोष है।”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संघ पर केवल एक मुद्दे पर आपत्ति उठाई गई थी कि उसके पास कोई लिखित संविधान नहीं है। बाद में संघ के दूसरे सरसंघचालक ने संगठन का संविधान तैयार किया, जिसके बाद सरकार ने आरएसएस पर लगा प्रतिबंध हटा लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर निशाना साधते हुए पात्रा ने कहा, “खड़गे आज जिस भाषा में बोल रहे हैं, वह भाषा पीएफआई और मुस्लिम लीग जैसी है। ऐसे चरमपंथी संगठन आरएसएस का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि संघ समाज को जोड़ने की बात करता है, न कि बांटने की।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने बयानों से पहले देश के इतिहास और कांग्रेस के पूर्व नेताओं के विचारों को समझना चाहिए।
पात्रा ने कहा कि “कांग्रेस आज वोट बैंक की राजनीति में इतनी फंस चुकी है कि वह राष्ट्रवादी संगठनों को निशाना बना रही है। जबकि आरएसएस देश की एकता, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सुधार के लिए लगातार काम कर रहा है।”
उन्होंने खड़गे से अपील की कि वे राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें।
(स्रोत: मीडिया रिपोर्ट्स)

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