तेजस्वी को सीएम चेहरा बनने में करनी पड़ी मशक्कत : मनोज तिवारी

भाजपा सांसद बोले— महागठबंधन सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करता है

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा और मुखेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इस बीच, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने महागठबंधन और राजद पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन केवल वोट बैंक की राजनीति में यकीन रखता है, न कि जनता के विकास में।

मनोज तिवारी ने कहा, “महागठबंधन के नेता मुसलमानों को केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। वे कभी उनके उत्थान के लिए गंभीर प्रयास नहीं करते। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं चलाई हैं — चाहे शिक्षा हो, रोजगार या सामाजिक सुरक्षा, हर क्षेत्र में मुसलमानों को भी बराबर लाभ मिला है।”

उन्होंने कहा कि महागठबंधन के भीतर अंतर्कलह (infighting) इतनी बढ़ चुकी है कि तेजस्वी यादव को खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। तिवारी के अनुसार, “अगर गठबंधन के भीतर सबकुछ सही होता, तो तेजस्वी यादव को इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह दिखाता है कि अंदरखाने असहमति गहराई हुई है और सबकुछ ठीक नहीं चल रहा।”

भाजपा सांसद ने महागठबंधन पर परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “राजनीति का मतलब सेवा और विकास होना चाहिए, न कि परिवार के इर्द-गिर्द सत्ता बनाए रखना।” तिवारी ने दावा किया कि जनता अब ऐसे गठबंधन की हकीकत जान चुकी है और बिहार में एनडीए गठबंधन ही विकास और स्थिरता का प्रतीक है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का उद्देश्य बिहार को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है और जनता अब उस राजनीति को नकार चुकी है जो केवल जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगती है।

मनोज तिवारी के इस बयान से बिहार की सियासत में एक बार फिर महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ खड़े हो गए हैं।

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