प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन 2025 में की शिरकत

महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150 वर्ष पूरे होने पर “ज्ञान ज्योति महोत्सव” का भव्य आयोजन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन 2025 में भाग लिया। यह सम्मेलन महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती और आर्य समाज की समाज सेवा के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित “ज्ञान ज्योति महोत्सव” का एक प्रमुख हिस्सा है। इस आयोजन में देश और विदेश से हजारों आर्य समाज के प्रतिनिधि, विद्वान, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आर्य समाज ने भारत में शिक्षा, समानता और सामाजिक सुधार की जो ज्योति जलाई थी, वह आज भी समाज को मार्गदर्शन दे रही है। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद ने अंधविश्वास, जातिवाद और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाकर समाज को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि “स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘वेदों की ओर लौटो’ का जो संदेश दिया, वह आज के युग में भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने भारत के पुनर्जागरण और आत्मनिर्भरता की नींव रखी थी।” मोदी ने कहा कि आर्य समाज के प्रयासों से शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को नई ऊंचाइयां मिली हैं।

कार्यक्रम में आर्य समाज की ऐतिहासिक यात्रा और समाज सुधार के लिए किए गए कार्यों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। सम्मेलन के दौरान “वेदों का संदेश – विश्व कल्याण की ओर” विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित हुआ, जिसमें कई देशों से आए विद्वानों ने अपने विचार साझा किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में देश महर्षि दयानंद के आदर्शों पर चलकर विश्व में मानवता, सद्भाव और ज्ञान की नई रोशनी फैलाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में ऐसे सुधारों को बढ़ावा दे रही है जो समाज सुधारकों की भावना से प्रेरित हैं।

इस अवसर पर आर्य समाज के प्रमुख साधु-संतों और विद्वानों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया और आर्य समाज की आगामी योजनाओं की जानकारी दी।

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