अमेरिका का शटडाउन बना संकट: 70 लाख परिवारों की मदद पर खतरा

डेमोक्रेट्स के कारण तीसरे दिन में पहुंचा शटडाउन, सैनिक परिवारों से लेकर 70 लाख गरीब परिवारों की मदद पर संकट

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और इसका सीधा असर आम नागरिकों से लेकर सेना तक पर दिखने लगा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह “डेमोक्रेट्स के कारण हुआ शटडाउन” है, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है।

लेविट ने बताया कि अमेरिकी सेना के 1.3 मिलियन जवानों (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, मरीन कॉर्प्स, कोस्ट गार्ड और स्पेस फोर्स) को फिलहाल वेतन नहीं मिल रहा है। आर्थिक तनाव की वजह से कई सैनिक परिवारों को खाने के लिए फूड पैंट्री का सहारा लेना पड़ रहा है। टेक्सास के फोर्ट हुड स्थित आर्म्ड सर्विस YMCA फूड पैंट्री में सुबह 5 बजे से ही सैनिक परिवारों की लंबी लाइन लग गई, जो पहले कभी नहीं देखा गया था। स्टाफ के अनुसार इस हफ्ते वहां आने वालों की संख्या 34% बढ़ी है।

सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि करीब 70 लाख महिलाएं, बच्चे और गरीब परिवार भी संकट में आ सकते हैं। WIC (Women, Infants, Children) प्रोग्राम का फंड खत्म हुआ तो उन्हें सरकारी खाद्य सहायता नहीं मिल पाएगी।

देशभर के 13,000 एयर ट्रैफिक कंट्रोलर बिना वेतन के काम कर रहे हैं। वहीं, नेशनल फ्लड इंश्योरेंस प्रोग्राम के बंद होने का खतरा है, जो बाढ़ या प्राकृतिक आपदा के समय मदद पहुंचाने में अहम है। यह स्थिति और भी गंभीर है क्योंकि अभी अमेरिका में हैरिकेन सीज़न चल रहा है।

इसके अलावा, सोशल सिक्योरिटी फील्ड ऑफिस की सेवाएं कम कर दी गई हैं, जिससे बुजुर्गों और दिव्यांगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सेना से रिटायर होकर नागरिक जीवन में लौट रहे लोगों के लिए चलने वाले ट्रांजिशन प्रोग्राम भी रुक गए हैं।

लेविट ने चेतावनी दी कि इस शटडाउन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा। सरकारी एजेंसियों BLS और BEA का डेटा बंद होने से पॉलिसी मेकर्स और फेडरल रिजर्व “ब्लाइंड” होकर फैसले लेने पर मजबूर हैं। अनुमान है कि अगर शटडाउन जारी रहा तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हर हफ्ते 15 बिलियन डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होगा। एक महीने में यह आंकड़ा 43,000 नई बेरोजगारी तक पहुँच सकता है।

छोटे व्यवसायों को सरकारी लोन मिलने में देरी होगी और होम लोन (मॉर्गेज) एप्लीकेशन की संख्या भी घट जाएगी।

Share Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *